बता दें कि बुधवार शाम को सियासी ड्रामे का अंत कुछ ऐसा ही हुआ कि बिहार की राजनीति में सबकुछ बदल गया। सत्ता पर विराजमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण इस्तीफा दे दिया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद बीजेपी के समर्थन से उनकी सत्ता में वापसी भी तय हो गई।
इससे पूर्व देर रात सीएम नीतीश कुमार के आवास पर भाजपा और जदयू के विधायकों की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश को गठबंधन का नेता चुन लिया गया। इस बीच नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद उपजे हालात में भाजपा के शीर्ष नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार का समर्थन करेगी। दिल्ली में संसदीय दल की बैठक के बाद बिहार में भाजपा के शीर्ष नेता सुशील कुमार मोदी को इस बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने नीतीश को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
नीतीश के इस्तीफे से बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है जहां 243 सदस्यीय विधानसभा में किसी भी दल के पास बहुमत नहीं है। जद यू को 71 सीट जबिक तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद की पार्टी राजद को 80 सीट है। भाजपा के पास 53 सीट है., अगर भाजपा और जद यू एक साथ आते हैं तो गठबंधन को विधानसभा में बहुमत मिल जाएगा।
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (26 जुलाई) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के बीच नीतीश ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को जद (यू) विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक खत्म होने के बाद नीतीश कुमार राजभवन की ओर रवाना हुए थे।
महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं. राजद अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बेटे और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी के बाद उनके इस्तीफे की मांग उठी थी, जिसे लेकर महागठबंधन में दरारें पैदा हो गई थीं। तेजस्वी ने इस्तीफा देने से मना कर दिया था, जिससे यह दरार चौड़ी होती गई और अंततः नीतीश ने इस्तीफा दे दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जद(यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि जितना संभव हो सका, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करने की कोशिश की, लेकिन बीते घटनाक्रम में जो चीजें सामने आईं उसमें काम करना मुश्किल हो गया था। नीतीश ने कहा, “मैंने इन 20 महीनों में जितना हो सका, सरकार चलाने की कोशिश की। लेकिन इस बीच जो हालात बने, जिस तरह की चीजें उभरकर सामने आईं, उसमें काम करना, नेतृत्व करना संभव नहीं रह गया था।“
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