दरअसल, चुनाव आयोग ने 29 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अलग-अलग राज्यों के लिए एक समान चुनाव चिन्ह आवंटित किए हैं जिनमें बाल्टी और जूता भी शामिल हैं।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव-2019 में कई तरह के बदलाव करने जा रहा है। आयोग ने बाल्टी, जूता, बांसुरीसमेत नौ चुनाव चिन्हों को सुरक्षित कर दिया है। इन्हें किसी भी निर्दलीय प्रत्याशी या पार्टी को नहीं दिया जाएगा। भारत में चुनाव का इतिहास खंगालने से पता चलता है कि प्रत्याशी सबसे अधिक बांसुरी, बाल्टी और सीटी चिन्ह मांगते हैं।
चुनाव आयोग ने इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) ऑर्डर 1968 के पैरा 10बी में आवेदन करने वाले 29 पंजीकृत गैर मान्यता
प्राप्त राजनीतिक दलों को अलग-अलग राज्यों के लिए एक समान चुनाव चिन्ह आवंटित किए
हैं। आयोग ने दिल्ली के दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक पत्र भेजकर कहा है कि
इन चुनाव चिन्हों को आवंटित चुनाव निशान को आरक्षित सूची में डाल दें। इसके अनुसार आम चुनाव 2019 के दौरान दिल्ली से चुनाव मैदान में उतरने वाले
निर्दलीय और अचानक पर्चा दाखिल करने वाले पंजीकृत राजनीतिक दल के प्रत्याशी को बाल्टी, बांसुरी, ट्रक, ऑटो रिक्शा, , डीजल पंप, सीटी, बिजली का खंभा, जूता और चेन चुनाव चिन्ह के
तौर पर नहीं दिया जाएगा।
अगले लोचसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा मार्च में हो सकती है। इसके मद्देनजर पार्टियां पूरी तरह से तैयार हैं। इनमें कुछ पार्टियां रजिस्टर हैं और उनके भी चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए गए हैं।
किस पार्टी को मिला क्या चुनाव चिन्ह
भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी- बाल्टी
ब्रिज पार्टी- बांसुरी
बहुजन महा पार्टी –सीटी
खुसरो सेना पार्टी –जूता
भारती समुदाय पार्टी- चेन
भारतीय
मानव समाज पार्टी –पाल के साथ नाव पर बैठा आदमी
परिवर्तन समाज पार्टी –ऑटो रिक्शा
जयप्रकाश
जनता दल- डीजल
पंप
ऑल इंडिया एमजीआर मक्कल मुनेत्रा- बिजली का खंभा