नए नियमों के अनुसार सिनेमा हॉल में मोबाइल फोन से फिल्म की रिकार्डिंग करने पर तीन साल की जेल या 10 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों को भुगतना पड़ सकता है।
मुंबई। फिल्मों की पाइरेसी रोकने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया गया है। खासकर सिनेमा हॉल में बैठकर फिल्म की पाइरेसी करना बहुत महंगा प़ड़ेगा। नए नियमों के अनुसार सिनेमा हॉल में मोबाइल फोन से फिल्म की रिकार्डिंग करने पर तीन साल की जेल या 10 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों को भुगतना पड़ सकता है। केंद्रीय कैबिनेट ने 1952 के सिनेमेटोग्राफी एक्ट में बदलाव करते हुए पाइरेसी के ख़िलाफ़ यह सख्त कदम उठाया है। गोरतलब हॉसिनेमाघरों में लगने वाली नई फिल्मों को मोबाइल से रिकार्ड कर के लोग बेचते हैं और वेब साईट पर भी डाल देते हैं जिससे बॉलीवुड को हर साल करोड़ों का नुकसान होता है l
केंद्र सरकार ने हाल के दिनों में फिल्म उद्योग की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं। 2019-20 के अंतरिम बजट में भारतीय फिल्म उद्योग को रोजगार देने वाले प्रमुख उद्योगों में से एक मानते हुए फिल्म उद्योग के लिए दो बड़ी घोषणाएं की गई हैं। पहली घोषणा के अनुसार भारत में फिल्म की शूटिंग करने वाले सभी निर्देशकों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा मिलेगी। साथ ही एंटरटेनमेंट सेक्टर को बड़ी राहत देते हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 12 प्रतिशत करने की घोषणा भी की गई है। गौरतलब है कि इससे पहले सिंगल विंडो क्लीयरेंस मात्र विदेशी फिल्म निर्देशकों को मिलता था। दूसरी घोषणा के अनुसार सिनेमेटोग्राफी एक्ट को सख्त किया जाएगा जिसके अंतर्गत पायरेसी को रोकना भी शामिल है। इससे फिल्मों के माध्यम से पैसा कमाई करने वालों की आमदनी पर सेंध नहीं लग पाएगी।