लखनऊ। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. अयूब पर विवादित विज्ञापन मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की गई है। उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने, सेवन सीएलए और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने उन्हें गोरखपुर के बड़हलगंज से गिरफ्तार किया था। 

एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा के अनुसार, डॉ. अयूब ने एक उर्दू समाचार पत्र में एक विवादित विज्ञापन छपवाया था जिसका हिंदी में अनुवाद कराने पर पता चला कि विज्ञापन में अन्य धर्मों के प्रति आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। साथ ही यह विज्ञापन भारतीय संविधान के मूल और आंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ है। एसीपी के अनुसार, इस विज्ञापन को राजधानी लखनऊ के कई इलाकों और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। पुलिस इस मामले में सोशल मीडिया पर विज्ञापन वायरल करने वालों की सूची तैयार कर रही है।

31 जुलाई को सोशल मीडिया पर विज्ञापन वायरल होने के बाद लखनऊ पुलिस ने संज्ञान लिया। अधिकारियों के निर्देश पर हजरतगंज थाने के दारुलसफा चौकी प्रभारी कृष्णकांत सिंह ने डॉ. अयूब के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करने, सेवन सीएलए और 66 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया। हजरतगंज पुलिस ने एक अगस्त की रात डॉ. अयूब को उनके गोरखपुर के बड़हलगंज स्थित जोहरा अस्पताल से गिरफ्तार किया था। इस कारर्वाई के दौरान सीओ गोला श्यामदेव और बड़हलगंज कोतवाली प्रभारी राणा देवेन्द्र प्रताप सिंह भी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे।

एसीपी हजरतगंज के मुताबिक, डॉ अयूब के खिलाफ गोरखपुर के बड़हलगंज और कैंट, संत कबीर नगर के दुधारा तथा लखनऊ में हजरतगंज और मड़ियांव में दुष्कर्म, बलवा, सांप्रदायिक तनाव पैदा करने जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं।

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