नई दिल्ली। संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देशवासियों को संबोधित किया और कानून एवं संविधान को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने “एक राष्ट्र एक चुनाव” को भारत की जरूरत बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है बल्कि देश की आवश्यकता भी है। केवड़िया में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन  अधिकारियों के सत्र समापन समारोह पर प्रधानमंत्री मंत्री ने यह संबोधन दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक देश एक राष्ट्र सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की जरूरत भी है। यह विकास कार्यों में भी बाधा ड़ालता है और आप सभी लोग यह बात जानते हैं। हमें गंभीरता से इस पर सोचने की आवश्यकता है और कार्यालय-धारक इस पर विचार विमर्श कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों में सिर्फ एक मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आखिर इन सूचियों पर क्यों पैसा और समय बर्बाद किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कानून को लेकर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कानूनों की भाषा इतनी सरल और आसान होनी चाहिए कि आम से आम इंसान भी उसे आसानी से समझ सके। उन्होंने कहा, “यह संविधान हम भारतवासियों ने खुद को दिया है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से एक आम आदमी सीधा संबंध महसूस करे। इसके अलावा समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं उनको हटाने की भी प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। पिछले सालों में कई कानूनों को हटाया गया है।”

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