लखनऊ। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं की संख्या रविवार को दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ती गई। नागरिकता संशोधन कानून (सीएएए) के विरोध में शुक्रवार रात को शुरू हुआ यह धरना-प्रदर्शन कड़ी ठंड के बावजूद जारी है। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस उन्हें प्रदर्शन से हटाने के लिए तरह-तरह से परेशान कर रही है। पुलिस ने महिला शौचालय पर ताला डाल दिया, कंबल छीन लिये और अलाव पर पानी डाल दिया। अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी हैं। महिलाओं का कहना है कि टेंट आदि की व्यवस्था कर रहे कुछ पुरुषों को भी हिरासत में लिया गया है, हालांकि पुलिस इन आरोपों को निराधार बता रही है। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने धरना-प्रदर्शन के चलते शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका में कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 भी लगा दी है।
ये महिलाएं सीएए वापस लिये जाने की मांग को लेकर बेमियादी धरने पर बैठी हैं। शनिवार को कुछ लोग सीएए के पक्ष में भी घंटाघर पहुंचे जिन्हें पुलिस ने टकराव का आशंका के मद्देनजर वापस कर दिया। घंटाघर क्षेत्र में ठाकुरगंज, चौक, तालकटोरा, हसनगंज और विकास नगर समेत कई थानों की पुलिस तैनात की गई है। स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले सदफ जफर इन प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे हैं। शुक्रवार रात और शनिवार को भी उन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं की अगुवाई की थी। मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया और संविधान बचाने की शपथ ली। उनका कहना है कि जब महिलाओं को वोट देने का हक है तो वे सरकार से सवाल करने का भी अधिकार रखती हैं। रविवार को टीवी अभिनेता सुशांत सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाई।
महिलाओं का कहना है कि यह प्रदर्शन अब रुकेगा नहीं। अगर जबरदस्ती हटाया गया तो वे जेल भरो आंदोलन करेंगी। घंटाघर पर घने कोहरे में शनिवार को रातभर महिलाएं खुले आसमान के नीचे भारत माता की जय नारों के साथ जमी रहीं। वहीं, प्रशासन की ओर से घंटाघर की बिजली काटे जाने पर महिलाओं ने रोष जाहिर किया। प्रदर्शनस्थल पर महिला शौचालय पर ताला जाले जाने के आरोप संबंधी खबरों को लेकर पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने कहा कि वहां बैठी महिलाएं भी हमारे-आपके घर की ही हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार करने के बारे में हम सोच भी नहीं सकते।