बच्चों के बलात्कारियों को सख्त सजा का प्रावधान करे संसद : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली, 11 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा है कि वह बच्चों से रेप और यौन उत्पीड़न करने वाले दोषियों को सख्त सजा देने के लिए कानून बनाए। कोर्ट ने कहा कि संसद बच्चा शब्द को फिर से परिभाषित करे और ऐसे लोगों को सख्त दंड देने की व्यवस्था करे जो उनका यौन शोषण करते हैं।

जस्टिस दीपक मिश्रा और एनवी रमना की पीठ ने सोमवार को हालांकि सरकार को यह निर्देश देने से इनकार कर दिया कि बच्चों के बलात्कारियों को नपुंसक बनाने का अतिरिक्त दंड दिया जाए। पीठ सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संगठन की याचिका पर विचार कर रही थी। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए अटाॠर्नी जरनल को भी बुलवाया था लेकिन रोहतगी ने कहा कि कोर्ट दंड देने की व्यवस्था नहीं कर सकता यह संसद का अधिकार है।

कानून में इस समय 16 से नीचे की उम्र की महिला को नाबालिग माना जाता है लेकिन इन दिनों दो से लेकर 10 साल तक के बच्चों को यौन हमलों को शिकार होना पड़ रहा है। पीठ ने संगठन से कहा कि हम आपकी भावना समझते हैं लेकिन कानून भावनाओं और संवेदनाओं पर नहीं बन सकता उसके पीछे कुछ तर्क होने चाहिए। इसलिए नपुंसक बनाने का आदेश देना सरल नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछ कि बच्चों के साथ रेप करने वालों के लिए सख्त दंड का प्रावधान क्यों नहीं किया गया है जबकि अलगाव में रह रही महिला के साथ साथ पति के रेप करने के(376 बी) का प्रावधान है। वहीं आफिस में अधिकारी का मातहत महिला कर्मी से रेप करने के बारे में भी प्रावधान है।

कोर्ट ने संगठन के यह तर्क ठुकरा दिए कि कई देशों जैसे दक्षिण कोरिया में बच्चों के रेपिस्टों को नपुंसक बनाने का प्रावधान है। कोर्ट ने कहा कि यह देश भारत का आदर्श नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण का 2012 में लाया गया कानून नाबालिगों को यौन हमलों से बचाने में विफल रहा है।

मद्रास हाईकोर्ट दे चुका है ऐसा आदेश- मद्रास हाईकोर्ट ने अक्तूबर माह में केंद्र सरकार से कहा कि था बच्चों से रेप करने वालों को नपुंसक बनाने पर विचार किया जाए ताकि नाबालिगों पर यौन हमला करने वालों में डर पैदा किया जा सके।

दिल्ली की जज ने भी दिया था सुझाव –मद्रास हाईकोर्ट से पूर्व दिल्ली की एक सेशन जज कामिनी लाॠ ने 2011 में रेपिस्टों को नपुंसक बनाने और इस पर देशव्यापी बहस करने का सुझाव दिया था।

कई देशों में है प्रावधान – हाईकोर्ट जज ने आदेश में कहा था कि रूस, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, यूएस, न्यूजीलैंड और अर्जेंटीना में बच्चों से रेप करने वालों को नपुंसक बनाने का प्रावधान है।

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