नई दिल्‍ली। भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च पीठ संसद का नया भवन बनेगा। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए बोलियां लगाने को आमंत्रण दिया था। टेक्निकल राउंड में क्वालिफाई करने के बाद मुंबई की दो कंपनियों- लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (Larson and Turbo Ltd) और टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Tata Projects Limited) ने बुधवार को वित्तीय बोलियां (फाइनेंशियल बिड्स) जमा कराईं। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये जबकि लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने 865 करोड़ रुपये की बोली लगाई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बोली प्रक्रिया में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने बाजी मार ली। अब वह नए संसद भवन का निर्माण करेगी। 

नए संसद भवन परिसर के निर्माण के लिए चार कंपनियों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद ठेके के लिए बोली लगाने वालों की सूची में मुंबई की तीन कंपनियां रह गई थीं- लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और शम्पूर्जी पल्लोन्जी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड। यानी कुल तीन कंपनियों ने टेक्निकल राउंड क्वालिफाई किया था लेकिन सिर्फ दो ने ही फर्म्स फाइनेंशियल बिड्स जमा कराए। इन कंपनियों को बुधवार तक फाइनेंशियल बिड्स जमा कराने थे।

सीपीडब्ल्यूडी की तरफ से तकनीकी राउंड में मुंबई के कंस्ट्रक्शन एंड सिविल इंजीनियरिंग कंपनी आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद-हेडक्वार्टर्ड एनसीसी लिमिटेड, पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ऑफ अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश सरकार के यूपी राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को प्रोजेक्ट के लिए अयोग्य करार दिया गया था। मूल्यांकन के आधार पर सीपीडब्ल्यूडी ने बोली लगाने वाले डॉक्यमेंट में उल्लिखित मानदंडों की पूर्ति न करने सहित अन्य कारणों को लेकर इन  चार कंपनियों को अयोग्य घोषित कर दिया।

बोली आमंत्रित करने वाले नोटिस में कहा गया था कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के पास नई इमारत का निर्माण किया जाएगा। इसके 21 महीने में पूरा होने का अनुमान है। इस पर 889 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। सीपीडब्ल्यूडी ने कहा था कि नई इमारत का निर्माण पार्लियामेंट हाउस एस्टेट की भूखंड संख्या 118 पर कराया जाएगा।

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