नई दिल्ली। भारत में कोरोना की वैक्सीन को लेकर बेहद अच्छी खबर है। देश जल्द ही स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) तैयार कर लेगा। इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की टेस्टिंग को मंजूरी मिल गई है। इसका ट्रायल उत्तर प्रदेश के लखनऊ और गोरखपुर में होगा। कोविड-19 की यह वैक्सीन भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (आईबीआईएल) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर बना रही है। इसके दो चरणों के ट्रायल किए जा चुके हैं।

कोवैक्सीन के ट्रायल के तहत कोरोना के फ्रंट लाइन वर्कर व अन्य अलग-अलग उम्र के लोगों को टीका लगाया जाता है। टीका लगाने से पहले एंटीबाडी चेक की जाती है, अगर एंटीबाडी शून्य है तो टीका लगाया जाता है। फिर दोबारा खून के नमूने की जांच होती है, अगर एंटीबाडी बन रही है तो टीका काम कर रहा है। फिलहाल क्लीनिकल ट्रायल को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा और स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने राज्य सरकार के इस फैसले की जानकारी भारत बायोटेक के डायरेक्टर वी कृष्ण मोहन को चिट्ठी लिखकर दी है। इस चिट्ठी में कहा गया है, “आपको सभी तरह की अनुमतियां प्राप्त होंगी और क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए भारत सरकार की ओर से तय सभी सुरक्षा और अन्य प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।”

अमित मोहन ने बताया कि तीसरे चरण का ट्रायल लखनऊ और गोरखपुर में करने को मंजूरी दी गई है। इसमें इन दो संस्थानों के साथ-साथ और लोगों पर भी इसका परीक्षा किया जाएगा। ट्रायल के लिए जरूरी सुरक्षा व अन्य प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करवाने के लिए दो नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान को लखनऊ का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जबकि बीआरडी  मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार को गोरखपुर का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

कब शुरू होगा ट्रायल

भारत बायोटेक इस महीने के अंत या फिर अक्टूबर के पहले हफ्ते में तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर सकती है। गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस के उपचार के लिए भारत का पहला टीका इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था, “हमारे कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवारों में से एक क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साल के अंत तक एक वैक्सीन विकसित हो जाएगी।”

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