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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास को दिए अपने एक साक्षात्कार में कहा ”मुझे विश्वास है कि कुड़नकुलम परियोजना के बाद इस क्षेत्र में भारत और रूस का आपसी सहयोग जारी रहेगा। हम रूस के सहयोग से देश में दूसरे परमाणु संयंत्र को लगाने पर काम कर रहे हैं। हम रूस की मदद से कम से कम बारह परमाणु संयंत्र लगाने पर विचार कर रहे हैं जो दुनिया का सबसे अधिक सुरक्षा मानकों वाला होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ”मैं कुड़नकुलम परमाणु संयंत्र के शुरु होने पर खुश हूं। हम परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग लेने में विश्वास रखते हैं। ऊर्जा सुरक्षा भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है और रूस इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। परमाणु ऊर्जा हमारी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है। वर्तमान समय में रूस हमारा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भागीदार है। परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में रूस के साथ हमारा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी का एक आधार है।”
उन्होंने कहा ”रूस के साथ हमारे संबंध अद्वितीय हैं। रक्षा, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत अन्य क्षेत्रों क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच मजबूत भागीदारी है। रूस के हाइड्रोकार्बन संसाधन दुनिया के शीर्ष स्रोतों में से एक है और भारत इसका दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। हमनें इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया है।” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को रूस रवाना होंगे।