“ईश्वर से प्रार्थना है कि इमरान खान अपनी वाणी को विराम न दें, बोलते रहें”, जानें किसने कसा यह तंज

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर एजेंडे को साधने का अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास किया। यहां तक कि इस प्रयास में फर्जी तथ्य पेश किए, भाषण की तय समय सीमा लांघ गए और उसी अमेरिका पर निशाना साधा जिससे कश्मीर मसले पर सबसे ज्यादा उम्मीद करते रहे हैं। भारत पर निशाना साधते-साधते उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भी लपेट लिया। विश्व के सबसे बड़े मंच पर “राग कश्मीर” अलापने के प्रयास में इमरान ने न केवल अपनी और अपने देश की जगहंसाई कराई बल्कि अब आरएसएस भी उनसे मजे ले रहा है। आरएसएस ने तो इमरान के जले पर नमक छिड़कते हुए यहां तक कह दिया- भारत और संघ को एक बताने के लिए धन्यवाद। …हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह (इमरान खान) अपनी इस वाणी को विराम न दें, बोलते रहें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल शर्मा ने शनिवार को कहा, “संघ केवल भारत में है। हमारी दुनिया के किसी हिस्से में कोई शाखा नहीं है। अगर पाकिस्तान हमसे नाराज है तो इसका सीधा मतलब है कि वह भारत से नाराज है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब एक-दूसरे के पर्यायवाची हो गए हैं।” उन्होंने कहा कि हम भी यही चाहते हैं कि भारत और  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दुनिया एक ही माने। इसी के साथ उन्होंने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा, “वे (इमरान खान) बिना कुछ किए ही हमारे नाम को दुनिया में पहुंचा रहे हैं तो यह अच्छी बात है। इसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं।”

डॉ. कृष्ण गोपाल शर्मा कहा कि जो-जो आतंकवाद से पीड़ित हैं, आतंकवाद के विरोध में हैं, वे दुनिया में यह अनुभव करने लगे हैं। कुछ बात है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहीं न कहीं आतंकवाद के विरोध में तो है, तभी तो उसका इतना विरोध कर रहा है। ऐसे में बिना कुछ किए इतनी प्रसिद्धि-प्रतिष्ठा मिल रही है, इतना बहुत है।

गौरतलब है कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं। इमरान ने कांग्रेस की सरकार में गृह मंत्री रहे सुशील शिंदे के बयान को कोट करते हुए कहा था कि आरएसएस के कैंपों में आतंक का प्रशिक्षण दिया जाता है।