नई दिल्ली। राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद पर और नहीं बने रहना चाहते। पार्टी के लोकसभा सदस्यों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, “यह मेरा फैसला है। गैर-गांधी परिवार से पार्टी अध्यक्ष चुना जाना चाहिए।“ राहुल और सोनिया गांधी को मिलाकर इस बार कांग्रेस के 52 लोकसभा सदस्य चुने गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में मौजूद नेताओं ने पद पर बने रहने के लिए राहुल गांधी को मनाने की हर संभव कोशिश का। दुहाई दी कि पार्टी को आपकी (राहुल की) जरूरत है, आपके अलावा फिलहाल कोई और विकल्प नहीं है। सभी सांसदों ने एक सुर में कहा कि राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बने रहना चाहिए। लेकिन, राहुल ने अपने अध्यक्ष पद पर बने रहने की बात को नकार दिया।
सूत्रों मुताबिक़ बाद में बैठक में मौजूद शशि थरूर और मनीष तिवारी राहुल को मनाने के प्रयास में सबसे आगे रहे। उनका कहा था कि हार की ज़िम्मेदारी केवल आपकी (पार्टी अध्यक्ष) नहीं बल्कि सामूहिक है। बैठक में मौजूद सोनिया गांधी इस दौरान एक शब्द भी नहीं बोलीं।
इससे पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्यसमिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे या किसी दूसरे नेता को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।