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राजनाथ सिंह ने युद्धक विमान तेजस से भरी उड़ान, इस विमान से उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री

बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यहां लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस से उड़ान भरी। दो सीटों वाले स्वदेश निर्मित इस लड़ाकू विमान से उड़ान भरने वाले वे देश के पहले रक्षा मंत्री हैं। उन्होंने एचएल एयरपोर्ट से यह ऐतिहासिक उड़ान भरी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वदेश में निर्मित इस  लड़ाकू विमान को तेजस नाम दिया था। यह दुनिया का सबसे छोटा और हल्का फाइटर जेट हैं। इसकी रफ्तार 2000 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है और यह 5000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इससे पहले बीते शुक्रवार को ही तेजस ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। तब इस लड़ाकू विमान के नौसेना संस्करण की सफल अरेस्ट लैंडिंग करवाई गई थी।

तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इस सिंगल इंजन फाइटर जेट के शामिल होने से भारतीय वायुसेना को मिग-21 बाइसन विमान को बदलने की अनुमति मिल जाएगी। दिसंबर 2017 में भारतीय वायुसेना द्वारा 83 तेजस विमानों के लिए प्रस्ताव (आरईपी) जारी किया गया था। इन 83 तेजस विमानों में से 10 दो सीट वाले होंगे जिनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना अपने पायलटों के प्रशिक्षण के लिए करेगी।

तेजस फाइटर जेट को 21 फरवरी, 2019 को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (एफओसी) स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन द्वारा जारी किया गया था। एफओसी जारी करने का मतलब है कि तेजस मुकाबले के लिए तैयार है। यह युद्धक हवा में ईंधन भरने, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सुइट, कई अलग-अलग प्रकार के बम, मिसाइल और हथियारों जैसी तकनीक से लैस है।

तेजस का इस्तेमाल नौसेना और वायुसेना दोनों में किया जाएगा। भारतीय वायुसेना में पुराने होते जा रहे मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए इसका निर्माण किया गया है। यह एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। यह प्रोग्राम वर्ष 1980 में शुरू किया गया था।

13 सितंबर 2019 को तेजस का नौसैनिक वर्जन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करने में सफल रहा जब इसने गोवा में समुद्री तट आधारित टेस्ट फैसिलिटी (SBTF) INS हंसा में वायर-अरेस्ट लैंडिंग की। वायर अरेस्टेड लैंडिंग करने वाले तेजस विमान को चीफ टेस्ट पायलट कमोडोर जयदीप ए. मौलंकर ने उड़ाया था। डीआरडीओ ने वायर-अरेस्ट लैंडिंग को “इंडियन नेवल एविएशन” के इतिहास में “गोल्डन लेटर डे” कहा था।

तेजस की ये है विशेषता

तेजस की तकनीकि विशेषताओं पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि तेजस एक लाइट कांबैट एयरक्राफ्ट है। इसकी सर्वाधिक स्पीड 1.6 मैक है। 2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है। इसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, मल्टी मोड रडार, कंपोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर मौजूद हैं। इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पोड और दो ड्रॉप टैंक्स तैनात रहती है।

gajendra tripathi

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