लखनऊ। (Sanjay Singh Sedition Case) उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जातिगत सर्वे का ऑडियो बनवाने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में पहले से ही दर्ज मुकदमे में राजद्रोह के साथ साजिश रचने और धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाई गई हैं। आइटी एक्ट भी लगाया गया है।
पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि सांसद संजय सिंह को पुलिस ने इस संबंध में नोटिस भेज 20 सितंबर को पेश होने को कहा गया है। संजय सिंह के साथ ही सर्वे करने वाली निजी कंपनी के तीन निदेशकों पर भी राजद्रोह और धोखाधड़ी की धारा बढ़ाई गई हैं। गौरतलब है कि हाल ही के दिनों में संजय सिंह के खिलाफ विभिन्न टिप्पणियां करने के मामलों में लगभग 13 मामले दर्ज किए गए हैं।
कुछ दिन पहले लोगों के मोबाइल फोन पर एक सर्वे का ऑडियो आया था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार पर जाति के आधार पर काम करने का आरोप लगाया गया था। संजय सिंह ने इसे सर्वे बताया था और इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में वैमनस्यता फैलाने और भावना आहत करने की एफआइआर दर्ज की गई थी।
हजरतगंज पुलिस की ओर से भेजे गए नोटिस में संजय सिंह को 20 सितंबर को दिन में 11 बजे तक उपस्थित होने को कहा गया है। नोटिस में यह स्पष्ट लिखा है कि अगर वह निर्धारित तिथि को आकर पक्ष नहीं रखते हैं तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न वर्गों में वैमनस्यता फैलाने और लोगों की भावनाओं को आहत करने के मामले में जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि संजय सिंह व अन्य ने राज्य सरकार के खिलाफ साजिश रची है। यही नहीं आरोपितों ने जालसाजी करके सरकार की छवि धूमिल करने का भी प्रयास किया था।
आप सांसद संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडिल के माध्यम से बताया कि इस जातिगत सर्वे का आयोजन उन्होंने ही करवाया है। उन्होंने एफआइआर की जांच में पैसा बर्बाद नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार को जो पूछना है उनसे पूछे।
भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC) की धारा 124 ए में राजद्रोह की परिभाषा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए में राजद्रोह का मामला दर्ज हो सकता है।
इसके अलावा अगर कोई शख्स देश विरोधी संगठन के खिलाफ अनजाने में भी संबंध रखता है या किसी भी प्रकार से सहयोग करता है तो वह भी राजद्रोह के दायरे में आता है। इसके तहत आरोपी के दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
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