अयोध्या/नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि 5 अगस्त को तय की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन अपराह्न 1 बजकर 15 मिनट पर मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इसी के साथ भूनि पूजन की तिथि को लेकर तकरार भी शुरू हो गई है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त की तिथि को “अशुभ घड़ी” करार दिया है। इससे पहले उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि हमें कोई पद नहीं चाहिए और न ही हम राम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक ढंग से हो और आधारशिला सही समय पर रखी जाए। उन्होंने कहा, “अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह, मंदिरारंभ कार्य निषिद्ध हैं।” उन्होंने इसके लिए विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला दिया।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने मुहूर्त देखकर फैसला किया था : दिनेंद्र दास
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के जवाब में निर्मोही अखाड़े के महंत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य दिनेंद्र दास ने सवाल किया, “क्या सुप्रीम कोर्ट ने मुहूर्त देखकर राम मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था। भगवान राम के नाम पर जो भी काम होता है वह शुभ ही होता है। इसमें किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है।” दिनेंद्र दास ने आगे कहा, “प्रभु राम का काम जब भी होता है उसे शुभ ही मानना चाहिए और ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की आधारशिला रखेंगे तो वह सबसे शुभ घड़ी ही होगी। ऐसे में किसी प्रकार का कोई विवाद या मतांतर सदस्यों के बीच में नहीं है, और यही कारण है कि मंदिर निर्माण में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने वाली है।”
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तय मुहूर्त को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। ट्वीट में लिखा है, “मैं ज्योतिषाचार्य नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि श्री हरि विष्णु शयन काल में मंदिर निमार्ण का मुहूर्त कोई विद्वान ब्राह्मण नहीं निकाल सकता, भगवान श्री राम हमारी आस्था के आधार हैं, इसलिए प्रत्येक कार्य विधि विधान से ‘शास्त्र’ सम्मत होना चाहिए ‘राजनैतिक’ दृष्टिकोण से नहीं।”
राम के काम में कैसा मुहूर्त : उमा भारती
इसी पर भाजपा नेता व मध्य प्रदेश की पूर्व मुक्यमंत्री उमा भारती ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “राम के काम में कैसा मुहुर्त। …कांग्रेस पार्टी को भगवा से दिक्कत है। कांग्रेस नफरत का जहर फैलाती है और उसने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया है। इस पार्टी ने हमेशा देश को बांटा है। इन लोगों को देश में शांति बदार्श्त नहीं है।”
शिलान्यास स्वयं देश के राजा कर रहे हैं, इसलिए मुहूर्त बहुत मायने नहीं रखता : काशी विद्वत परिषद
काशी विद्वत परिषद के संयोजक डॉ रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि मंदिर शिलान्यास का मुहूर्त काशी विद्वत परिषद ने नहीं बताया है। हालांकि मुहूर्त पर उठ रहे सवाल पर रामनारायण द्विवेदी ने कहा, “ये भूमि पूजन स्वयं भगवान राम का है और शिलान्यास स्वयं देश के राजा कर रहे हैं, इसलिए मुहूर्त बहुत मायने नहीं रखता।”
अयोध्या के ज्योतिषी रघुनाथ दास ने कहा कि मंदिर निर्माण की शुरुआत शुभ घड़ी में होने जा रही है। जब तक कर्क राशि में सूर्य रहता है तब तक श्रावण का महीना माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से श्रावण के महीने में राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए 5 अगस्त को सभी ग्रह और स्थितियां अनुकूल रहेगी।
गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने बुधवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे और भूमि पूजन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।