नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कई बार कैबिनट मंत्री रहे रामपुर से सपा सांसद आजम खां के लिए यह मंगलवार कुछ राहत लेकर आया। पासपोर्ट-पैनकार्ड बनाने में गड़बड़ी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें व उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को इस आपराधिक मामले में चार सप्ताह के भीतर बयान दर्ज करने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने को कहा है। दोनों महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं।

आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला पर कई मामलों में केस दर्ज हैं। हाल ही में जब आजम खां की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया। आजम खां और उनके बेटे पर जमीन हड़पने, फर्जी कागजात समेत अन्य मामलों में उत्तर प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में केस चल रहे हैं। कुछ वक्त पहले ही आजम खां की पत्नी को जमानत मिली थी और वह जेल से बाहर आई थीं।

इस मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सपा नेता आज़म खान और उनके बेटे अबुल्लाह आज़म की ज़मानत याचिका का विरोध किया। उत्तर प्रदेश की तरफ से वकील एसवी राजू ने कहा कि आज़म खां पर कई संगीन मामलो में एफआईआर दर्ज है। आपराधिक पृष्टभूमि की वजह से उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए। आजम खां और अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि पहला पैन कार्ड मौजूद होने के बाद भी दूसरा पैन कार्ड बनवाया और पहले पैन कार्ड की जानकारी छिपाई।

आजम के वकील ने कहा कि सरकार ने पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है, जबकि इस मामले में मुख्य एफआईआर में आजम खां को जमानत मिल चुकी है। आरोपी को जेल में रखने के लिए सरकार ने एक ही मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। यही हाल अब्दुल्ला आजम का है। कपिल सिब्बल ने कहा कि आज़म खां को तीन मामलों को छोड़ कर सभी मामलों मे ज़मानत मिल चुकी है।  सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आजम और अब्दुल्लाह को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन ये दोनों फिलहाल जेल से रिहा नही हो पाएंगे। अभी उनके खिलाफ तीन और मामले लंबित हैं जिनमें जमानत मिलनी बाकी है।

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