नई दिल्ली। भारत के सार्स-कोविड जीनोम कंसोर्शियम (INSACOG) के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के प्रमुख डॉ. शाहिद जमील ने पद से इस्तीफा दे दिया है। जाने-माने वायरोलॉजिस्ट डॉ. जमील ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत में अधिकारी सेट पॉलिसी के तहत सबूतों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इससे पहलेन्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में डॉ. जमील ने कहा था कि भारत में वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पॉलिसी बनाने को लेकर अड़ियल रवैये का सामना कर रहे हैं। भारत के कोविड मैनेजमेंट में कई समस्याए हैं। इनमें कम टेस्टिंग, धीमी रफ्तार से वैक्सीनेशन और वैक्सीन की कमी शामिल है। इसके अलावा हेल्थकेयर वर्क फोर्स भी काफी ज्यादा चाहिए।
डॉ. जमील ने लिखा था कि इन सभी उपायों को लेकर भारत में मेरे साथी वैज्ञानिकों का काफी समर्थन मिल रहा है लेकिन उन्हें तथ्यों के आधार पर पॉलिसी बनाने को लेकर अड़ियल रवैये का सामना करना पड़ रहा है। 30 अप्रैल को 800 से ज्यादा भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि उन्हें डाटा मुहैया कराया जाए, ताकि वे वायरस के बारे में अंदाजा लगाने और उसे रोकने के लिए अध्ययन कर सकें। डाटा के आधार पर फैसला न लेना एक और आपदा है, क्योंकि भारत में महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई है। हम जो जानें गंवा रहे हैं, वो कभी न मिटने वाला जख्म का निशान दे जाएगी।
डॉ. जमील ने मार्च में ही सरकार को चेताया था
एक रिपोर्ट में बताया था कि डॉ. जमील ने इस साल मार्च में ही चेतावनी दे दी थी कि भारत में नया और ज्यादा संक्रामक वायरस फैल रहा है। इस B.1.617 वैरिएंट की वजह से ही देश कोरोना की सबसे बुरी लहर से गुजर रहा है। जब न्यूज एजेंसी ने सवाल किया कि सरकार इन तथ्यों पर ज्यादा तेजी से काम क्यों नहीं कर रही है, इस पर डॉ. जमील ने कहा था कि हमें यह चिंता है कि अधिकारियों ने पॉलिसी सेट कर ली है और इसी के चलते वे सबूतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।