कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजस्थान सीमा पर प्रवासी मजदूरों के लिए भेजी गई बसों को रोके जाने की सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप माथुर दोपहर को राजस्थान सीमा की ओर जा रहे थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए बसों को लेकर शुरू हुई आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और “ट्विटर युद्ध” मंगलवार को दोपहर होते-होते सड़क पर पहुंच गया। कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के रवैये के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आगरा बार्डर पर समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे तो पुलिस उन्हें डंडा-डोली बनाकर उठा ले गई। लल्लू 1000 बसों के साथ यूपी बॉर्डर पर मौजूद होने का दावा कर रहे थे। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा कि कांग्रेस ने जिन 1000 बसों की सूची भेजी है, उनमें मोटरसाइकल का भी नंबर है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजस्थान सीमा पर प्रवासी मजदूरों के लिए भेजी गई बसों को रोके जाने की सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप माथुर दोपहर को राजस्थान सीमा की ओर जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें राजस्थान सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। अजय कुमार लल्लू के साथ आई तीन गाड़ियों को वापस आगरा भेजने के लिए पुलिस पीछे आई। प्रदेश अध्यक्ष टोल प्लाजा से चकमा देकर मंडी मिर्जा खां होते हुए सीमा पर जाने की कोशिश में थे लेकिन रास्ते में इंस्पेक्टर राजकमल बालियान ने उन्हें रोक कर हिरास्त में ले लिया।
एसपी ग्रामीण (पश्चिम) रवि कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतरराज्यीय बस चलाने के लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद पास जारी किया जाता है और अनुमति दी जाती है। कांग्रेस नेताओं ने आवेदन नहीं किया था। इसलिए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं थी। एसपी ग्रामीण ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी से इन्कार किया है।
अजय कुमार लल्लू को हिरासत में लिये जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “यूपी सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों के परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई-बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाओं को सामने रख दिया। योगी जी इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगवा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगवा दीजिए लेकिन हमारे सेवाभाव को मत ठुकराइए। इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन बर्बाद हो चुके हैं। इन तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।”
बसों को इजाजत न देने के मामले में अजय कुमार लल्लू ने कहा, “हम-गरीब मजलूम श्रमिकों को उनके घरों तक छोड़ना चाहते हैं लेकिन यह सरकार संवेदनहीनता की सारी पराकाष्ठा पार कर चुकी है। यह सरकार नहीं चाहती कि श्रमिक अपने घरों तक पहुंचें। सरकार को हम बताना चाहते हैं कि श्रमिक भाइयों को उनके घरों तक अपनी बसों से पहुंचाने के लिए हम संकल्पित हैं।”
इससे पहले इमरान प्रतापगढ़ी के ट्विटर अकाउंट से अपलोड किए गए वीडियो में अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, “हमारी 1000 बसें तैयार हैं। हमें जाने दीजिए ताकि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा सके। बाकी आपकी सरकार भाषण दे रही है।”
कांग्रेस ने गुमराह करने का काम किया : उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा, “पूरे देश में श्रमिकों को लाने का कहीं काम किया गया है तो वह यूपी सरकार ने किया है। इस समय सभी को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए, कांग्रेस ने गुमराह करने का काम किया, इनका आचरण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि श्रमिकों को लाने-ले जाने के लिए जिलों की सीमा पर 200 बसें रखी गईं हैं। जिला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसा काम पूरे देश में सिर्फ योगी सरकार ने किया है।” उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया, “कांग्रेस व्यवधान डालना और जनता को गुमराह करना जानती है। ये आपराधिक कृत्य है। कांग्रेस नाइंसाफी कर रही है। काम की बजाय टिप्पणी करना कांग्रेस की पुरानी आदत है।”