देहरादून: उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ वीरों की भूमि के नाम से भी जानी जाती है। यहां चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री पहले से हैं। अब इसमें एक और नाम जुड़ने वाला है,यह होगा “सैन्यधाम”। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को यहां के गुनियाल गांव में “सैन्यधाम” का शिलान्यास किया। वह इसी उद्देश्य से यहां देहरादून आये थे।
“सैन्यधाम” के लिए शहीदों के घरों की मिट्टी जुटाने के लिए पिछले एक माह से शहीद सम्मान यात्रा निकाली जा रही थी, जो कि प्रदेश के सभी जिलों से होकर गुजरी। रक्षा मंत्री ने बुधवार को यात्रा का भी समापन किया।
गौरतलब है कि, उत्तराखंड का पांचवां धाम “सैन्यधाम” के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के शहीदों की यादों को संजोकर रखा जाएगा। “सैन्यधाम” के लिए 1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी को लाया गया है, जिसे अमर जवान ज्योति की बुनियाद में लगाया जाएगा। “सैन्यधाम” के शहीद द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा। 63 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले “सैन्यधाम” में शहीद जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के मंदिर बनाए जाएंगे। धाम में अमर जवान ज्योति, म्यूजियम, थियेटर, गन, टैंक प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे। 15 नवंबर 2021 को चमोली के स्वाड गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी। यहां भी अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित रहेगी।
रक्षा मंत्री ने किया 204 शहीदों के परिवारीजनों को सम्मानित
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने शहीदों के परिवारीजनों का सम्मान किया और उनके घर के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में देहरादून के 204 शहीद परिवारीजनों को सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “सैन्यधाम” की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से चार साल की थी, जिसे अब मूर्तरूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड वीरों की धरती है। यह शौर्य पराक्रम की भूमि है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि उत्तराखंड की धरती और पानी मे जरूर कोई बात है कि अगर इस राज्य को अलग किया जाए तो कोई समस्या नहीं होगी।
जनरल बिपिन रावत को किया याद, कैप्टन वरुण के निधन पर शोक
इस दौरान राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ ही तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दुभी ख व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखा। रक्षा मंत्री ने भाजपा के दिवंगत विधायक हरबंस कपूर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी।
उत्तराखंड की महान परंपरा के वाहक जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि, उनके जाने से हमारे देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। यह बेहद दुखद है। वह सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।
ऑनलाइन श्रद्धांजलि की सुविधा भी होनी चाहिए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि “सैन्यधाम” केवल एक भवन या स्मारक तक सीमित न हो, बल्कि सभी शहीदों के नाम यहां दीवारों पर अंकित किए जाएं। यहां ऑनलाइन भी श्रद्धांजलि की सुविधा होनी चाहिए, ताकि देश के दूसरे कोने में बैठा भारतीय भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। कहा कि 40 साल से वन रैंक-वन पेंशन की मांग की जा रही थी लेकिन, मोदीजी ने पीएम बनते ही इसे लागू कर दिया। अब शार्ट सर्विस कमीशन से सेवानिवृत्त अधिकारी भी अपनी रैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिसंबर के अंत तक या जनवरी के शुरू तक पूर्व सैनिकों के लिए कुछ और घोषणाएं की जाएंगी। पूर्व सैनिकों की पेंशन के मामले अब लटके नहीं रहेंगे।
हम उस पार जाकर भी मार सकते हैं दुश्मन को
पड़ोसी देश पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है। कहा कि पीएम ने गतिशक्ति मास्टर प्लान का उद्घाटन किया है, जिसकी लागत 100 लाख करोड़ है। इससे देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकेगा। पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता। ऑल वेदर रोड पर जो रुकावट थी, अब दूर हो गई है। ऑल वेदर रोड गढ़वाल और कुमाऊं को और करीब लाएगी। पर्यटन की दृष्टि से, आध्यात्मिक दृष्टि से कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पहले त्रिवेंद्र रावत और अब पुष्कर सिंह धामी ने सराहनीय काम किया है।
नेपाल सके साथ रोटी-बेटी का रिश्ता, किसी ने आंख उठाई तो देंगे मुंहतोड़ जवाब
राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल से हमारे रोटी-बेटी के रिश्ते हैं। सांस्कृतिक रिश्ते हैं। कुछ ताकतें ऐसी हैं जो इस रिश्ते को खराब करना चाहती है। भले ही हमें शीश झुकाना पड़े लेकिन, अपने पड़ोसी नेपाल से रिश्ते को टूटने नहीं दिया जाएगा। तिब्बत से भी हमारे रिश्ते बेहतर रहे हैं। 16 दिसंबर 1971 को हमारे सैनिकों के पराक्रम की वजह से पड़ोसी मुल्क के सैनिकों ने सरेंडर किया था। भारत अब मजबूत भारत बन रहा है। अगर हमारे देश की तरफ कोई आंख उठाने की कोशिश करेगा तो हम मुंह तोड़ जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने रक्षा मामले में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। आज हम दुनिया के 72 देशों को सैन्य सामान निर्यात कर रहे हैं। पहले हम 65 से 70 फीसदी सैन्य सामान दूसरे देशों से मांगते थे लेकिन, अब यहीं बनाते हैं। हम देहरादून से नाइट विजन डिवाइस अगले साल तक दुनिया को निर्यात करना शुरू करेंगे। रक्षा मंत्री ने धामी को धाकड़ बल्लेबाज होने के साथ ही तेज गेंदबाज भी बताया। कहा कि, 2024 में उत्तराखंड की स्थापना के 25 साल पूरे होंगे। तब ऐसे हालात होने चाहिए कि विकास का जश्न भी हम मना सकें।
शहीद के परिवार के सदस्य को देंगे सरकारी नौकरी: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, उत्तराखंड का जवान शहीद होगा तो हम उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे। वहीं सैनिक विश्राम गृह और शहीद द्वार के लिए अलग बजट जारी किया गया है। वन रैंक-वन पेंशन ने पूर्व सैनिकों को सम्मान बड़ा दिया है। 63 करोड़ की लागत से जब यह सैन्य धाम बन जाएगा तो देशभर के लोग इसे देखने आएंगे।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने भी विचार रखे।
“सैन्यधाम” के लिए रास्ते का मामला सुलझा
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैन्यधाम के लिए रास्ते के मामले को सुलझा लिया गया है। करीब चार सौ मीटर तक अन्य लोगों को भी रास्ते पर अधिकार दिया जाएगा जबकि इसके आगे का रास्ता “सैन्यधाम” का निजी रास्ता होगा। मंत्री ने कहा कि रास्ते में अन्य लोगों की साढ़े आठ बीघा जमीन आ रही है। इसके बदले उन्हें दूसरी जगह जमीन दी जाएगी। इसके लिए उन लोगों की सहमति ले ली गई है।