रेलवे फिलहाल जिस योजना पर काम कर रहा है, उसके अनुसार यात्रियों को ट्रेन के निर्धारित समय से 20 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना होगा।
नई दिल्ली। दुनियाभर में बढ़ते आतंकी खतरे के बीच भातीय रेलवे ने स्टेशनों में भी हवाई अड्डों की तरह जांच और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी कर ली है। जिस तरह हवाई अड्डे पर जांच प्रक्रिया से गुजरने के लिए समय से पहले पहुंचना पड़ता है, उसी प्रकार रेलवे स्टेशन पर भी आपको ट्रेन के निर्धारित समय से कुछ पहले पहुंचना होगा। रेलवे फिलहाल जिस योजना पर काम कर रहा है, उसके अनुसार यात्रियों को ट्रेन के निर्धारित समय से 20 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना होगा। रेलवे की ओर से उठाया जा रहा यह कदम एकीकृत सुरक्षा प्रणाली (आईएसएस) के तहत सुरक्षा योजना का हिस्सा हैं जिसे 2016 में 202 रेलवे स्टेशनों पर निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए मंजूरी दी गई थी।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सुरक्षा जांच के लिए लोग समय से स्टेशन पहुंचें। फिलहाल कुंभ के मद्देनजर प्रयागराज रेलवे स्टेशन में इस उच्च टेक्नोलॉजी वाले सिक्योरिटी प्लान पर काम शुरू हो चुका है। कुंभ मेले की शुरुआत इसी महीने से हो रही है। इसके अलावा कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन पर भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
इस नई व्यवस्था को लेकर रेलवे किस हद तक गंभीर है इसकी अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रेलवे स्टेशनों को सील करने की योजना है। आमतौर पर रेलवे स्टेशन पहुंचने के कई रास्ते होते हैं। कई बार तो स्टेशन के पास दीवारें टूटी होती हैं और लोग वहां से आ जाते हैं। दूसरी ओर से पटरी पार करके भी लोग प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं। अरुण कुमार के मुताबिक जिन स्टेशनों पर शुरू में ये सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया जाएगा, वहां स्टेशन पहुंचने के जितने भी गलत रास्ते हैं उन्हें या तो पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा या फिर वहां रेलवे सुरक्षा बल के जवान तैनात रहेंगे। स्टेशन पर प्रवेश के लिए सिर्फ चुनिंदा एंट्री प्वाइंट रहेंगे जहां सख्त चेकिंग होगी। इसी जांच प्रक्रिया से गुजरने के लि लोगों को 15 से 20 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुरक्षा प्रक्रिया के चलते देरी न हो।
एकीकृत सुरक्षा प्रणाली (आईएसएस) में सीसीटीवी कैमरा, क्लोज सर्किट, टेलीविजन,एसेस कंट्रोल, पर्सनल, बैगेज स्क्रीनिंग सिस्टम और बम डिक्टेक्शन, डिस्पोजल सिस्टम आदि शामिल होता है। इसके तहत स्टेशन परिसर में प्रवेश से लेकर ट्रेन में बैठने तक यात्री के सामान को सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के तरत रेलवे को अतिरिक्त 139 सामान स्कैनर, 32 अंडर व्हिकल स्कैनिंग सिस्टम (यूवीएसएस), 217 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर्स और 1000 से ज्यादा हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टस उपलब्ध कराए गए हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत 385.06 करोड़ रुपये है।
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