कांची पीठ के शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती का देहान्त, अंतिम संस्कार कल

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चेन्नई। तमिलनाडु में कांचीपुरम नगर स्थित कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। स्वामी जयेन्द्र सरस्वती कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य थे। वे 82 वर्ष के थे।उनका अंतिम संस्कार कल गुरुवार को किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार 82 वर्षीय शंकराचार्य को बेचैनी की शिकायत होने परएक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह पिछले कई महीनों से बीमार थे। उन्होंने बुधवार सुबह अंतिम सांस ली। अभी उनके निधन के कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी है।

वेदों के ज्ञाता थे शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती

कांची पीठ द्वारा समाजसेवा के लिए धार्मिक संस्थान, शिक्षा संस्थान, अस्पताल, वृद्धाश्रम और एक विश्वविद्यालय भी चलाया जाता है। पीठ के शंकराचार्य के पद पर आसीन होने से पहले उनका नाम सुब्रहमण्यम था। उन्हें वेदों का ज्ञाता माना जाता था। वर्ष 2003 में उन्हें कांची पीठ के शंकराचार्य के पद पर आसीन हुए पचास वर्ष हो गए थे। वह श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल के बाद इस शैव मठ के प्रमुख बने थे।

उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांची मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने समाज की अनुकरणीय सेवा की है जिसके कारण वह अनुयायियों के मन-मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे। कांची शंकर मठ के 82 वर्षीय प्रमुख का दिल का दौरा पड़ने के बाद बुधवार तमिलनाडु के कांचीपुरम में निधन हो गया। नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘ कांची पीठाधिपति श्री जयेंद्र सरस्वती को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। मानव कल्याण और आध्यात्मिकता के प्रसार में उनका योगदान अन्य लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शंकराचार्य अपनी अनुकरणीय सेवा और पावन विचारों के चलते लाखों अनुयायियों के मन-मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “जगदगुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य अनगिनत सामुदायिक सेवा पहलों के अगुवा थे। उन्होंने उन संस्थानों को बढ़ावा दिया, जिन्होंने गरीबों और वंचित तबके के लोगों की जिंदगी बदल दी।“ ट्वीट्स में पीएम ने जयेन्द्र सरस्वती के साथ अपनी तस्वीरें भी सांझा की हैं।

शंकररमन मर्डर केस में मुख्य आरोपी थे शंकराचार्य

2004 के बहुचर्चित शंकररमन मर्डर केस में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, उनके भाई विजयेंद्र समेत 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में पुडुचेरी की अदालत ने कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। शंकररमन मर्डर केस में जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र को मुख्य आरोपी बनाया गया था।

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