नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की करारी हार पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने न केवल तंज कसा है बल्कि इसके कारण भी गिनाए हैं। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने इसके लिए खुद राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर वंशवाद और पेंशनधारी क्लब से घिरे होने का आरोप लगाये हुए लिखा है कि यही कारण है कि आज कांग्रेस की ऐसी स्थिति हो गई है।
सामना ने लिखा है कि राहुल गांधी जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राजीव गांधी नहीं हैं। वह केवल सोनिया गांधी के बेटे हैं। उनका व्यक्तित्व भी लोगों को आकर्षित नहीं करता है। यहां तक कि उनके बोलने की शैली भी प्रभावी नहीं है। वह लोगों के बीच लीक से हटकर कोई विचार नहीं रख पाते हैं। ऐसे में देश के युवा उनसे प्रेरणा क्यों लें।
शिवसेना ने कांग्रेस पार्टी के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस का आगे क्या होगा इसका किसी को कोई अंदाजा नहीं है। राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की लेकिन कार्यसमिति के सदस्यों ने इसे स्वीकार नहीं किया। राहुल गांधी की पहलकदमी से स्पष्ट हुआ कि पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी वंशवाद से उबर नहीं पा रही है।
संपादकीय में लिखा गया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को लोकसभा चुनाव में लाया गया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं दिखाई दिया। उत्तर प्रदेश में जहां पहले दो सीटें थीं अब एक है, यहां तक कि राहुल गांधी खुद अमेठी से हार गए। उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र और गुजरात में 194 सीटें हैं लेकिन कांग्रेस केवल तीन सीटें जीत पाई। इससे साफ पता चलता है कि 134 साल पुरानी कांग्रेस के लिए यह आखिरी झटका है। इसके साथ ही सामना ने अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी की तारीफ गई है।