नवजोत सिद्धूझालावाड़ (राजस्थान)। अपनी बयानबाजी को लेकर चर्चित कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर दिए गए बयान पर सोमवार को पलटी मार ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह को ‘पिता तुल्य’ बताया और कहा कि उनके साथ जो भी मुद्दे हैं, वे सुलझा लिए जाएंगे। कुछ दिन पहले सिद्धू ने कहा था कि उनके कैप्टन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं।

संवाददाताओं ने नवजोत से पूछा कि क्या वह कैप्टन से माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा, ‘आप गंदे कपड़े सबके सामने नहीं धोते। वह (कैप्टन अमरिंदर सिंह) एक पिता समान हैं। मैं उनसे प्यार करता हूं, सम्मान करता हूं। मैं खुद से इसे सुलझा लूंगा’।

यह विवाद तब पैदा हुआ, जब नवजोत ने हैदराबाद में कहा कि उनके कैप्टन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी है और अमरिंदर सिंह सेना के एक कैप्टन रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर ने यह टिप्पणी करतरपुर गलियारे के लिए पाकिस्तान में हुए शानदार समारोह में हिस्सा लेकर लौटने के एक दिन बाद की थी। सिद्धू की इस टिप्पणी के बाद पंजाब के कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनकी मंत्रिपद से बर्खास्तगी की मांग की थी।

मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सिद्धू : ग्रामीण एवं विकास मंत्री बाजवा

हैदराबाद में दिए गए बयान को लेकर सिद्धू पर ग्रामीण एवं विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी तथा राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया ने प्रहार किया था। मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और ओपी सोनी ने भी सिद्धू के बयान पर नाराजगी जाहिर की थी। पंजाब के 17 मंत्रियों में से दर्जन भर से अधिक मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़ास माने जाते हैं।

सोढ़ी ने कहा कि इस मुद्दे पर अन्य मंत्री भी मुख्यमंत्री अमरिंदर के साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने जिन मंत्रियों से बातचीत की, वे अरुणा चौधरी एवं साधु सिंह धरमसोत हैं। हम सभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं।’ वहीं बाजवा ने कहा था कि अगर सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना कप्तान नहीं मानते तो उन्हें नैतिक आधार पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए और राहुल गांधी उन्हें जो भी काम कहें, वही करना चाहिए। मंत्री ने मांग की थी कि को सिद्धू को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें कैप्टन साहब को पंजाब में अपने नेता के तौर पर स्वीकार करना होगा।

 

 

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