प्रकाश नौटियाल, देहरादून: कुमाऊं में दो दिन आई आफत की बारिश के बाद तीसरे दिन बुधवार को स्थिति सामान्य रही। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के बीच कई घंटे के संघर्ष के बाद बुधवार शाम नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया। आज नैनीताल और चंपावत में मलबे से चार-चार शव बरामद हुए हैं। इसके साथ ही राज्य में सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में मृतकों की संख्या 54 हो गई है। इसके अलावा बुधवार सुबह पिथौरागढ़ में मुवानी के पास हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सेवानिवृत्त बिग्रेडियर भी शामिल है। सभी केदारनाथ से वाहन से घर लौट रहे थे। हादसे में 2 अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
इधर विभिन इलाकों से 13 शव निकाल लिये गए हैं। इनमें से 3 शव बिहार के चंपारण जिले के निवासियों के हैं। पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव वाया दिल्ली बिहार भेजे जाएंगे। नैनीताल जिले में कैंची धाम के पास घर में दबी हुई रिचा (21) व अभिषेक (18) और बोहरा कोट रामगढ़ में भी दो व्यक्तियों शंभुदत्त डालाकोटी (70 ) व बसंत डालाकोटी (59) के शवों को पुलिस व एनडीआरएफ की टीम द्वारा मलबे से निकाल लिया गया है। समाचार लिखे जाने तक यहां भी पंचायतनामा की कार्रवाई चल रही थी।
धामी ने किया वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे
ख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों से बातचीत किया ताकि क्षति का आकलन किया जा सके। उन्होंने राज्य में पिछले दो दिनों में वर्षाजनित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर सीएम धामी को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
बुधवार को नैनीताल हल्द्वानी वाया ज्योलिकोट दोपहिया एवं छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया। कैचीधाम से भवाली तक का मार्ग भी छोटे वाहनों के लिए खोला गया है। उक्त स्थान से अभी तक कुल 150 वाहनों में लगभग 500 पर्यटकों एवं यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया है। ओखलकांडा में 7 लोगो के अभी भी दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। इलाकों में पानी भी धीरे-धीरे कम होने लगा है।
डीआईजी उत्तराखंड मोहसिन शाहिदी के मुताबिक राज्य के आधा दर्जन से भी ज्यादा जिले आपदा प्रभावित हैं। राहत और बचाव कार्य टीमें काम कर रही हैं। एनडीआरएफ की कुछ टीमें पहले से ही तैनात थीं और बाकी टीमों को तैनात किया गया है। बारिश की वजह से अब तक 46 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है और लोगों को बचाने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन एनडीआरएफ पूरी तरीके से अलर्ट पर है।
नैनीताल में 35 करोड़ का नुकसान
नैनीताल के डीएम ने बताया कि, जिले में आपदा से 35 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इनमें जिले के 10 बड़े पुल भी हैं। डोगरा रेजिमेंट के 100 जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया। आपदा पीड़ितों को हर सम्भव मदद दी जा रही है।
पिथौरागढ़ में बड़ा हादसा, रिटायर्ड ब्रिगेडियर समेत 5 मरे
पिथौरागढ़ के बूंगा गांव निवासी सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर विनोद चंद अपने गांव निवासी परिजनों और नेपाल निवासी पुरोहितों के साथ केदारनाथ गए थे। वहां पूजा-अर्चना के बाद वह कार से वापस घर को लौट रहे थे। बुधवार सुबह करीब पांच बजे थल से करीब 12 किमी दूर मुवानी के पास वाहन अनियंत्रित होकर डेढ़ सौ मीटर गहरी खाई में गिर गया। मायल गांव के लोगों ने वाहन के गिरने की आवाज सुनी, वाहन की हैडलाइट भी देखी लेकिन संचार सेवा ध्वस्त होने की वजह से वे इसकी सूचना नहीं दे सके। रामगंगा नदी के दूसरी तरफ स्थित गांव के ग्रामीण पैदल मुवानी पहुंचे और स्थानीय लोगों को वाहन दुर्घटना की सूचना दी। युवा 10 किमी दूर थल पुलिस थाने गए और दुर्घटना के बारे में बताया। पुलिस, एसडीआरएफ उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची। वाहन को कटर से काटा। वाहन में सवार चार लोगों की मौत हो चुकी थी। तीन लोग घायल थे। इसमें भी एक ने अस्पताल पहुँचने से पहले दम तोड़ दिया। मृतकों में रिटायर्ड ब्रिगेडियर भी शामिल हैं जबकि, 2 घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया।
हर्षिल में ट्रैकिंग दल लापता
गढ़वाल मंडल में भी हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम होना बताया जा रहा है। कर्णप्रयाग में देर रात मलबे में दो लोग दब गए जबकि, उत्तरकाशी के हर्षिल से लंबखागा पास होते हुए छितकुल हिमाचल की ट्रैकिंग के लिए गया पर्यटक दल का कोई पता नहीं चल रहा है। दल के 19 अक्तूबर तक छितकुल पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। ट्रैकिंग संचालकों ने इसकी सूचना उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन को दी। राज्य सरकार से मदद मांगे जाने के बाद एसडीआरफ का हेली ट्रैकिंग लोकेशन में रेस्क्यू के लिए पहुंचाया जा रहा है।