नई दिल्ली। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMISS) के साथ जुड़े 150 भारतीय शांतिदूतों को उनकी समर्पित सेवा और बलिदान के लिए पदक देकर सम्मानित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मिशन ने इस सम्मान कार्यक्रम की तस्वीरें भी साझा की हैं।
परेड और पाइप बैंड की धुन के बीच हुए समारोह के दौरान मलाकाल में UNMISS में सेवा कर रहे इन जंबाज शांतिदूतों को पदक दिए गए। पदक पाने वालों में कर्नल अमित गुप्ता भी शामिल हैं जो दक्षिण सूडान के ऊपरी नील क्षेत्र में 850 सैनिकों की एक बटालियन की कमान संभालते हैं। उनकी बटालियन ने इस क्षेत्र में पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया और मलाकाल में एक पशु चिकित्सालय चलाया। कर्नल गुप्ता ने कहा, “मुझे दक्षिण सूडान में लोगों की सकारात्मक यादों में याद किया जाना चाहिए। मैं इनके लिए एक बेहतर जगह छोड़ना चाहता हूं जहां वे खुद के लिए आय उत्पन्न करने और अपने देश का निर्माण करने में सक्षम हों।“
पदक पाने वाले एक और शांतिदूत अंकुश चीमा ने कहा कि वह 2017 में इस मिशन में शामिल हुए थे। वह कहते हैं, “मैं कश्मीर के पास बड़ा हुआ जहां सेना की कई यूनिट हैं और इसलिए मैं खुद को आर्मी बॉय मानता हूं। इसके अलावा, मेरे पिता और दादा दोनों सेना में थे। हालांकि, उन्हें शांति मिशन में भाग लेने का मौका कभी नहीं मिला।” उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे संयुक्त राष्ट्र की ओर से मेरा पहला पदक मिला। जब मैं घर जाऊंगा तब मुझे विदेशी सर्विस मेडल भी दिया मिल जाएगा।”
इससे पहले एक ट्वीट में UNMISS ने कहा था कि मिशन के साथ काम करने वाली इंडियन हॉरिज़ॉन्टल मोबिलिटी इंजीनियरिंग कंपनी ने बेंटियू और लीयर को जोड़ने वालr 145 किलोमीटर लंबी सड़क के नवीनीकरण का काम पूरा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के लिए भारत शीर्ष सैन्य टुकड़ी में से एक है। पिछले 70 वर्षों में 200,000 से अधिक सैन्य और पुलिसकर्मी संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए अपनी सेवा दे चुके हैं और 168 भारतीय सैन्य कर्मियों ने अपनी जान भी गंवाई है। भारत UNMISS में शांति सैनिकों का दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश है।