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वाराणसी। लोकसभा चुनाव 2019 मानो “अनिश्चितताओं का पिटारा” बन गया है। लगभग सभी प्रमुख दलों ने दलबदलुओं को खुले दिल से गले लगाने के साथ ही राजनीति से दूर का वास्ता तक न रखने वाले “स्टार मैटीरियल” को एकाएक अपना टिकट थमाकर उम्मीदवार बनाने से भी गुरेज नहीं किया। सोमवार को मतदान के चौथे चरण के दौरान भी ऐसा ही हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ जब समाजवादी पार्टी (सपा) ने वाराणसी में नामांकन जुलूस निकाल कर पर्चा दाखिल करने पहुंच चुकी शालिनी यादव की जगह एकाएक तेज बहादुर यादव को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। हालत यह थी कि सपा के स्थानीय नेता-कार्यकर्ता काफी देर तक समझ ही नहीं पाये कि आखिर यह हो क्या रहा है। बहरहाल, “राष्ट्रवाद की मिसाइल” पर सवार भाजपा उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का मुकाबला अब बीएसएफ के बर्खास्त जवान से होगा।

वाराणसी में सोमवार को अजब-गजब माहौल था। एकाएक सपा के दो प्रत्‍याशी चर्चा में आ गए। पहले से तय प्रत्‍याशी शालिनी यादव का नामांकन जुलूस निकला और यह जुलूस जब नामांकन स्‍थल तक पहुंचा तो पता चला कि पार्टी ने उनका टिकट काट कर तेज बहादुर यादव को दे दिया है। ये वही तेज बहादुर यादव हैं जो बीएसएफ में खराब भोजन का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए थे और बर्खास्त कर दिए गए। बहरहाल, दोपहर बाद सपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर तेज बहादुर यादव को वाराणसी से पार्टी का टिकट देने की जानकारी दी गई तो स्थिति और भी स्‍पष्‍ट हो गई। 

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