स्पॉट फिक्सिंगः इस मामले में अच्छा नहीं था श्रीसंत का आचरणः सुप्रीम कोर्ट

क्रिकेट की दुनिया को हिला देने वाले इस सनसनीखेज कांड में अपनी कथित संलिप्तता के लिए श्रीसंत आजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं।

नई दिल्लीआईपीएल 2013 में कथित स्पॉट फिक्सिंग मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस.श्रीसंत की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व क्रिकेटर से पूछा कि आइपीएल 2013 में कथित स्पॉट फिक्सिंग के लिए सटोरियों ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने इसकी जानकारी उसी समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को क्यों नहीं दी। गौरतलब है कि श्रीसंत स्पॉट फिक्सिंग की वजह से आजीवन प्रतिबंध (Life ban) का सामना कर रहे हैं। 

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि श्रीसंत का आचरण इस पूरे मामले में अच्छा नहीं था। क्रिकेट की दुनिया को हिला देने वाले इस सनसनीखेज कांड में अपनी कथित संलिप्तता के लिए आजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे 35 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर को निचली अदालत 2015 में इस मामले में आपराधिक मामले में आरोप मुक्त कर चुकी है। याचिका की सुनवाई के दौरान श्रीसंत की तरफ से दलील दी गई थी कि बीसीसीआइ द्वारा उन पर लगाया गया प्रतिबंध काफी कठोर था और इस दावे के समर्थन में कोई सुबूत नहीं है कि वह किसी अवैध गतिविधि में शामिल थे।

श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी है जिसने उन पर लगाए गए प्रतिबंध को बहाल किया था। श्रीसंत की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह स्थापित नहीं किया गया कि मई 2013 में मोहाली में आईपीएल टीमों राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए मैच में कोई स्पॉट फिक्सिंग की गई थी। इस बात का भी कोई सबूत नहीं था कि श्रीसंत को ऐसा करने के लिए रुपये मिले थे।

पीठ ने खुर्शीद से पूछा ‘आपने (श्रीसंत) इसे तुरंत बोर्ड (बीसीसीआई) के संज्ञान में क्यों नहीं लाया?’ इस पर खुर्शीद ने कथित सटोरियों की दर्ज की गई टेलीफोनिक बातचीत का हवाला दिया। वरिष्ठ वकील ने कहा कि श्रीसंत बोर्ड को सूचित करने में विफल रहे थे। उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के लिए संपर्क किया गया था लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो भी अधिकतम प्रतिबंध पांच साल तक लगाया जा सकता है। इस पर पीठ ने कहा कि साफ है कि इस सामले में एस. श्रीसंत का आचरण अच्छा नहीं था।  खुर्शीद ने तर्क दिया कि आरोपों के अनुसार, श्रीसंत को एक ओवर में 14 रन देने थे लेकिन उन्होंने उस ओवर में 13 रन दिए और दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों एडम गिलक्रिस्ट और शॉन मार्श को बोल्ड किया।

खुर्शीद ने कहा कि श्रीसंत पर अधिक से अधिक पांच साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता था। दुनियाभर में क्रिकेट खिलाड़ियों पर ऐसी गतिविधियों में संलिप्त होने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए के अलावा किसी अन्य पर उम्र भर का प्रतिबंध नहीं लगाया गया। इस संबंध में खुर्शीद ने पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन का भी हवाला दिया जिन पर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध बाद में पलट दिया गया था।

gajendra tripathi

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