कोलंबो। श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमले में अब तक 290 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सिलसिलेवार बम धमाकों में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें 31 विदेशी थे जिनमें सर्वाधिक 8 भारत के नागरिक थे। ऐसा माना जा रहा है कि हमले में शामिल सात आत्मघाती हमलावर इस्लामी चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के सदस्य थे।
विदेश मंत्रालय ने बयान में बताया गया है कि आतंकी हमले में मारे गए विदेशी नागरिकों में भारत के आठ, ब्रिटेन के सात, चीन, सउदी अरब और तुर्की के दो-दो तथा फ्रांस, जापान, बांग्लादेश, नीदरलैंड और स्पेन का एक-एक नागरिक शामिल है। इनके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता वाले दो लोगों तथा आस्ट्रेलिया और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता वाले दो लोग भी शामिल हैं।
सभी सात आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई नागरिक
श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि श्रीलंका के इतिहास की इस सबसे बड़ी आतंकवादी घटना के पीछे नेशनल तौहीद जमात नाम के स्थानीय संगठन का हाथ होना सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री एवं सरकारी प्रवक्ता रजीत सेनारत्ने ने भी कहा कि विस्फोट में शामिल सभी सात आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई नागरिक मालूम पड़ रहे हैं। सेनारत्ने ने बताया कि हमले में स्थानीय मुस्लिम संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का हाथ हो सकता है लेकिन किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क की मदद के बिना इतना बड़ा हमला संभव नहीं। अभी तक 24 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और उनका संबंध एक ही गुट से है।
उन्होंने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख ने 11 अप्रैल से पहले इन हमलों की आशंका को लेकर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को आगाह किया था।
बहुत खतरनाक थे आतंकियों के इरादे
जांच में अब तक सामने आए तथ्यों और हालात से साफ है कि आतंकवादियों की मंशा श्रीलंका में और धमाके करने की थी। रविवार को सिलसिलेवार धमाकों के बाद शुरू हुए सघन तलाशी और जांच अभियान में सोमवार को कोलंबो के भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के डिपार्चर टर्मिनल की ओर जाने वाले रास्ते पर छह फुट का पाइप बम मिला। श्रीलंकाई वायुसेना ने बताया कि बम को सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज कर दिया गया। कोलंबो में ही सेंट्रल बस स्टेशन के पास से 87 बम डेटोनेटर बरामद किए गए। पुलिस ने बताया 12 बम मैदान में पड़े मिले। तलाशी के दौरान 75 और बम मिले। पुलिस ने कोलंबो में उस घर का भी पता लगा लिया है जहां आत्मघाती हमलावर पिछले तीन महीने से रह रहे थे।