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दशहरा-दीपावली के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल जारी, इन नियमों का करना होगा पालन

नई दिल्ली। कोरोना काल चल रहा है और त्योहारों का सीजन भी शुरू होने वाला है। लोग असमंजस में हैं कि इस बार दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्व कैसे मनाएं। दरअसल, दशहरा पर जुलूस और मेलों में भारी भीड़ उमड़ती है तो दीवापली पर मिलने-मिलाने और शुभकामनाएं देने का अनवरत सिलसिला-सा चलता है जिसके दौरान संक्रमण की गंभीर खतरा हो सकता है। भारत सहित पूरी दुनिया में अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण का गंभीर खतरा बना हुआ है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपने घरों में रहकर त्‍योहारों को मनाने की अपील की है। इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी जारी किया गया है।

एसओपी के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। 65 साल से अधिक साल के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओँ और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहने की सलाह दी गई है। यह एसओपी इवेंट मैनेजर, सेलेब्स और कर्मचारियों पर भी लागू होगा। नवरात्रि के दौरान मूर्ति विसर्जन की जगहें भी पूर्व निर्धारित रहेंगी। इस दौरान लोगों की मौजूदगी बेहद कम संख्या में रखी जाएगी। एसओपी में कहा गया है कि जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जाएं और गायन समूहों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. भौतिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होने चाहिए।

कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के धार्मिक पूजा-पाठ, कार्यक्रम, मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और लोगों को एकत्रित होने वाले कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक स्थानों और नवरात्रि के पंडालों में मूर्तियों को छूने की मनाही होगी। सरकार के दिशानिर्देशों में स्थानीय प्रशासन को साफ-सफाई, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन की व्यापक व्यवस्था करने को कहा गया है ताकि लोग कोविड-19 नियमों का पालन कर सकें।

धार्मिक कार्यक्रमों/उत्सवों के दौरान करना होगा इन नियमों का पालन

– कार्यक्रम स्थल की पहचान कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें ताकि थर्मल स्क्रीनिंग, शारीरिक दूरी और सैनेटाइजेशन आदि के साथ नियमों का पालन हो सके। 

– कई दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों जैसे प्रदर्शनी, मेला, पूजा पंडाल, रामलीला पंडाल में लोगों की अधिकतम संख्या सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय होने चाहिए।

– वालेंटियर्स को थर्मल स्कैनिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनाकर तैनात किया जाए। 

-विसर्जन जुलूस में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

– लंबी दूरी की रैली और जुलूस के लिए एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध होंगी।

– थियेटर और सिनेमा कलाकारों के लिए जारी गाइडलाइंस स्टेज कलाकारों पर भी लागू होंगी।

– सैनिटाइजर और थर्मल गन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए फ्लोर पर मार्किंग की जाए। 

– फिजिकल/सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का ध्यान रखा जाए। 

gajendra tripathi

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