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त्योहारी मौसम में सख्ती : रेल यात्रा के दौरान नहीं माने ये नियम तो हो सकती है जेल

नई दिल्ली। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद रेलवे कई विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू कर चुका है। आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए उसने 196 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू प्रोटोकॉल को ट्रेनों में और सख्ती के साथ लागू करने का फैसला किया गया है। कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) के मुताबिक अगर कोई यात्री नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसे भारी जुर्माना या जेल तक की सजा काटनी पड़ सकती है। 

आरपीएफ ने आगामी त्योहारी मौसम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

दिशा-निर्देशों में यात्रियों से रेल परिसरों में कुछ गतिविधियां करने से बचने को कहा गया है। इनमें मास्क नहीं पहनना या सही तरीके से नहीं पहनना, सामाजिक/शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करना, कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद या जांच के नतीजे लंबित रहने के दौरान रेल क्षेत्र में या स्टेशन पर आने या ट्रेन में सवार होने या स्टेशन पर स्वास्थ्य टीमद्वारा यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने पर भी ट्रेन में सवार हो जाना आदि शामिल हैं। 

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर थूकना भी गैरकानूनी है। रेलवे स्टेशनों पर एवं ट्रेनों में गंदगी फैलाना या जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को प्रभावित करना तथा कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए रेल प्रशासन द्वारा जारी किसी दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने जैसी गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी। चूंकि ये गतिविधियां या कृत्य कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को बढ़ा सकते हैं और किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों को रेल अधिनियम की धारा 145,153 और 154 के तहत दंडित किया जा सकता है। इन्हें रेल अधिनियम की धारा 145 (नशे में होना या उपद्रव करना) के तहत अधिकतम एक महीने की कैद, धारा 153 (जानबूझ कर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जुर्माने के साथ अधिकतम 5 साल की कैद) और धारा 154 (लापरवाह कृत्यों से अन्य यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एक साल तक की कैद या जुर्मानाया दोनों सजा साथ में दिए जाने का प्रावधान है।

gajendra tripathi

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