नयी दिल्लीः कोविड वैक्सीन के क्षेत्र में भारत के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गयी है। अहमदाबाद की फॉर्मा कंपनी जायडस कैडिला द्वारा तैयार की गयी निडिल फ्री कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D की सप्लाई शुरू हो गई है। निडिल फ्री यानि इसे लगवाने के लिए किसी प्रकार की सुई चुभने का दर्द सहन नहीं करना होगा। हालांकि इसकी दो नहीं बल्कि तीन डोज दी जायेंगी। यह दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन है जो डीएनए बेस्ड और निडिल फ्री है। फिलहाल इसका 7 राज्यों में इस्तेमाल किया जायेगा।
कंपनी ने बुधवार से ZyCoV-D की सप्लाई केंद्र सरकार को शुरू कर दी। केंद्र सरकार ने फिलहाल इसकी 1 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। यह वैक्सीन उन लोगों को लगाई जाएगी, जिन्हें अब तक किसी भी वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगी है।
कंपनी ने केंद्र सरकार के साथ ही सात राज्यों को भी ZyCOV-D वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब और झारखंड शामिल हैं। कंपनी ने सालाना 10 से 12 करोड़ डोज तैयार करने की योजना बनायी है।
कंपनी इसे जल्द ही खुले बाजार में मेडिकल स्टोर्स पर भी बिक्री के लिए उतारेगी। इसकी कीमत 265 रुपये रखी गई है, जबकि 93 रुपए का एप्लीकेटर (इस वैक्सीन को लगाने वाला उपकरण) अलग से खरीदना होगा। इस तरह इसकी कुल कीमत 358 रुपये होगी।
यह पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है। देश में 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए पहली कोरोना रोधी वैक्सीन के तौर पर DCGI ने अगस्त 2021 में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। बाद में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को भी बच्चों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई।
जायडस ने इस वैक्सीन का 28 हजार वॉलंटियर्स पर टेस्ट किया था। इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर कंपनी का दावा है कि कोरोना के खिलाफ इस वैक्सीन का असर 66.60% रहा है।
ZyCoV-D के तीन डोज लगेंगी। ये तीनों डोज 28 दिन के अंतर पर लगाई जाएंगी यानि पहली डोज और तीसरी डोज के बीच 56 दिन का अंतर होगा। इसे 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
ZyCoV-D की डोज एक डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर या फार्मा जेट इंजेक्टर की मदद से दी जायेगी। यह एक ऐसी डिवाइस है जो स्टेपलर के डिजाइन की होती है। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि निडिल इंजेक्शन से फ्लूड या दवा मसल्स में जाती है। जेट इंजेक्टर में प्रेशर के लिए कंप्रेस्ड गैस या स्प्रिंग का इस्तेमाल होता है।
इससे वैक्सीन लगवाने वाले को दर्द कम होता है क्योंकि ये आम इंजेक्शन की तरह आपके मसल के अंदर नहीं जाती। इसके अलावा इन्फेक्शन फैलने का खतरा निडिल वाले इंजेक्शन की तुलना में काफी कम होता है।
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