नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी में अब और पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि वह इस मामले में अब कोई पेड़ नहीं काटे। सुप्रीम कोर्ट में दशहरे के अवकाश के दिनों में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमुर्ति अशोक भूषण की विशष पीठ ने इस मसले पर सुनवाई की। छात्रों की ओर से अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दलीलें रखीं।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ती अरुण मिश्रा ने पूछा कि हमें बताएं कि यह इलाका एक इको सेंस्टिव जोन है या नहीं। हम इसकी वास्तविकता जानना चाहते हैं। आप हमें दस्तावेज उपलब्ध कराएं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि सरकार की ओर से अब इस इलाके में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।
दरअसल आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया है। रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने कानून के छात्रों की ओर से पेड़ों को काटने के विरोध में लिखे गए पत्र को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई की बात कही। शीर्ष आदालत सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन भी कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं को अब तक रिहा नहीं किया गया है उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वस्त किया कि सभी को तत्काल प्रभाव से रिहा कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक यथास्थिति बहाल रखी जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि इस केस में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी एक पार्टी के तौर पर शामिल किया जाए। अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
2,700 पेड़ काटने की योजना थी
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब बाकी बचे 1,200 (रिपोर्टों का आंकड़ा) पेड़ों की कटाई रुक गई है। आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड बनाने के लिए कुल 2,700 पेड़ काटने की योजना है। इससे पहले आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बॉंबे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। रिपोर्टों की मानें तो शुक्रवार को हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद रात को नौ बजे के बाद दो घंटे के भीतर मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने इलेक्ट्रिक मशीन से 450 पेड़ों को काट दिया था। कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों की ओर से पेड़ों को काटे जाने के विरोध में लिखे गए पत्र को शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित की थी।
आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का मुंबई समेत देश भर में भारी विरोध हो रहा है। बताया जाता है कि एमएमआरसीएल ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए 2,646 पेड़ों को काटने की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 70 लोगों की टीम भेजी थी जिसका लोगों ने विरोध करना शुरू किया था। विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई और 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।