नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (सीजेआई) की तरफदारी करने वाले अधिवक्ता उत्सव बैंस को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की है। उत्सव बैंस ने दावा किया था कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़ने के मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है।
आपको याद होगा कि अधिवक्ता उत्सव बैंस ने सोमवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर उक्त आरोप उन्हें बदनाम करने की साजिश के तहत लगाए गए हैं जिससे की वे घबरा जाए और अपने पद से त्यागपत्र दे दें। बैंस ने यह भी दावा किया कि इस साजिश में शामिल होने के लिए उनसे भी संपर्क किया गया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया।
फेसबुक पोस्ट में बैंस ने लिखा है कि एक युवक ने उनसे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने के लिए कहा था। बैंस ने यह भी दावा किया कि उस शख्स ने आसाराम मामले में पीडित पक्ष में उनके किए काम की सराहना की। उस शख्स ने उनसे यह भी कहा कहा कि वह पीड़िता का रिश्तेदार है लेकिन उन्हें ऐसा लगा नहीं।
1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था ऑफर
बैंस ने लिखा है कि उस व्यक्ति ने उनसे यह भी कहा कि अगर वह पीड़ित व्यक्ति की पैरवी करते हैं तो वह उन्हें 50 लाख रुपये देगा। उनके इनकार करने के बाद भी वह व्यक्ति माना नहीं और उसने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये देने की बात कही थी लेकिन उन्होंने उसे साफ इनकार कर दिया और वहां से चले जाना के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने भरोसमंद सूत्रों से मामले के बारे में जाना तो पता चला की मुख्य न्यायधीश गोगोई के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची जा रही है ताकि वे अपने पद से इस्तीफा दे दें। बैंस ने यह भी दावा किया कि इस साजिश में दिल्ली के कई दिग्गज लोग शामिल हैं। बैंस ने यह भी लिखा है कि वह इस बारे में सचेत करने के लिए मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के घर भी गए थे लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे।