Bharat

जंगी जहाज आईएनएस विराट को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, करीब 30 साल तक की समुद्री सीमाओं की रक्षा

नई दिल्ली भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके विमानवाहक पोत आईएनएस विराट (INS Viraat) को तोड़ने (Dismantling) पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा फिलहाल यथास्थिति बरकरार रहेगी। इसके साथ ही अदालत ने खरीदने वाले को नोटिस भी जारी किया है।

 भारतीय नौसेना की शान रहे इस विशाल जंगी जहाज को गुजरात के भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था और उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा था। एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपये का भुगतान कर आईएनएस विराट को बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की मांग की थी।

करीब 30 साल तक भारत के समुद्री सीमा की रक्षा करते रहे आइएनएस विराट को 6 मार्च, 2017 को भारतीय नौसेना की सेवा से मुक्त कर दिया गया था। भारतीय नौसेना में शामिल होने से पहले यह ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के रूप में 25 साल तक अपनी सेवाएं दे चुका था। इसके बाद 1987 में इसको भारतीय सेना में शामिल किया गया।

करीब 226 मीटर लंबे और 49 मीटर चौड़े आईएनएस विराट ने भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद जुलाई, 1989 में ऑपरेशन जूपिटर में श्रीलंका में शांति स्थापना के ऑपरेशन में हिस्सा लिया। वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की बड़ी भूमिका थी। इसने दुनिया के 27 चक्कर लगाए जिसमें इसने 1 करोड़ 94 हजार 215 किलोमीटर का सफर किया।

ये जंगी जहाज अपने आप में एक छोटे शहर जैसा था। इस पर लाइब्रेरी, जिम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं। जितना गौरवशाली ये जहाज़ था उतनी ही गौरवशाली इसकी विदाई भी थी। सेवा निवृत्त किए जाने से पहले 23 जुलाई, 2016 को विराट ने अपनी आखिरी यात्रा मुंबई से कोच्चि के बीच की थी। अपने पूरे कार्यकाल में यह 2250 दिनों तक समुद्र की लहरों पर भारत की शान बढ़ाता रहा।

ये जंगी जहाज अपने आप में एक छोटे शहर जैसा था। इस पर लाइब्रेरी, जिम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं। जितना गौरवशाली ये जहाज़ था उतनी ही गौरवशाली इसकी विदाई भी थी। सेवा निवृत्त किए जाने से पहले 23 जुलाई, 2016 को विराट ने अपनी आखिरी यात्रा मुंबई से कोच्चि के बीच की थी। अपने पूरे कार्यकाल में यह 2250 दिनों तक समुद्र की लहरों पर भारत की शान बढ़ाता रहा।

महाराष्ट्र सरकार ने भेजा था संरक्षित करने का प्रस्ताव

पिछले साल दिसंबर में महाराष्ट्र सरकार ने आईएनएस विराट को मरम्मत के साथ संरक्षित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बाबत रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। रक्षा मंत्रालय से इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मांगी गई थी। चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र को इस ऐतिहासिक युद्धपोत के पुनरोद्धार और संरक्षण करने में खुशी होगी। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुख और चिंता की बात है कि गुजरात के अलंग में आईएनएस विराट को कबाड़ में तब्दील करने का कार्य शुरू किया जा चुका है।”

 
 
gajendra tripathi

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago