नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनुबंधित सरकारी कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि ऐसे कर्मचारी जो सीधे कंपनी से वेतन-भत्ते लेते हैं, ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ लेने के हकदार हैं। ऐसे कर्मचारी ईपीएफ और मिश्रित प्रावधान अधिनियम-1952 के दायरे में आएंगे।
न्यायमूर्ति यूयू ललित और इंदु मल्होत्रा की पीठ ने पवन हंस लिमिटेड की ट्रेड यूनियन की अपील पर दिए गए बांबे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि ईपीएफ एक्ट की धारा 2 (एफ) में कर्मचारी की समावेशी परिभाषा है। इसे इतना विस्तारित बनाया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो सीधे या परोक्ष रूप से संस्थान के काम से जुड़ा है और वेतन पाता है, इसमें आ जाएगा।