पेट्रोल पंपों पर घटतौली को लेकर एक आम अदमी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसका संज्ञान लेते हुए देश की शीर्ष अदालत ने सख्त रुख अपनाया है।

नई दिल्ली। आज के समय में पेट्रोल-डीजल आम से लेकर खास तक हर वर्ग की जरूरत बन गए हैं। इनके दाम में दो पैसे की कमी-बढोतरी भी चर्चा का विषय बन जाती है। दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन गए पेट्रोल-डीजल की घटतौली की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं और ऐसे में लोगों का झुंझलाना स्वाभाविक है। इस ठगी का शिकार आम आदमी हो तो उसका ज्यादा तिलमिलाना स्वाभाविक है। घटतौली का शिकार हुए ऐसे ही एक आम आदमी ने याचिका दायर की तो सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया भी तीखी रही। देश की शीर्ष अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार से इस बारे में जल्द से जल्द कदम उठाने को कहा है। इस याचिकाकर्ता ने पेट्रोल पंपों पर माइक्रोचिप लगाकर की जा रही धांधली को लेकर यह याचिका दायर की थी।

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में कई पेट्रोलो पंपों पर चिप के जरिये तेल चोरी का खुलासा हो चुका है। लेकिन, शुरुआती कार्रवाई के बाद अधकारी ढीले पड़ गए और आम आदमी धोखाधड़ी का शिकार होता रहा है।  

दरअसल, पेट्रोल भरवाते समय ग्राहक का सारा ध्यान मीटर की रीडिंग पढ़ने पर होता है। अगर इस बीच शातिर पंप ऑपरेटर पांच सेकंड के लिए भी स्विच ऑफ कर दे तो एक हजार रुपये के पेट्रोल पर 50 से 100 रुपये तक का चूना लगना तय है। दरअसल, पेट्रोल पंप का नोजल आपकी गाड़ी टैंक के अंदर जाता है और आप मीटर में सबसे पहले ‘0’ देखते हैं। इसके बाद आप जितने रुपये के पेट्रोल या डीजल की मांग करते हैं उतना जब तक मीटर दिखा नहीं देता, तब तक मीटर से नजर नहीं हटाते। इस बीच आपको पता ही नहीं चलता की मीटर तो चल रहा है, लेकिन आपकी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल जा रहा है या नहीं।

जानकार बताते  हैं कि इस धोखधड़ी से बचन के लिए उसी पंप से पोट्रोल-डीजल जहां डिजिटल मीटर वाला पंप लगा हो।

error: Content is protected !!