नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पांचों आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट की कॉपी पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि मराठी में तैयार चार्जशीट को अंग्रेजी में अनुवाद करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाए। उन्होंने यह आदेश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पांचों के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने जिन पांच आरोपियों के खिलाफ दायर आरोप पत्र की कॉपी पेश करने का कहा है उनमें सुरेंद्र गडलिंग, सुधीर धवले, रोना विल्सन, सोमा सेन और महेश राउत शामिल हैं।
पांचों आरोपियों के खिलाफ हैं गंभीर आरोप
वहीं सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इसलिए तकनीकी आधार पर इनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सुनवाई के दौरान वकील इंदिरा जयसिंह ने आरोप लगाया कि आरोपी गडलिंग पर एक मामला और दर्ज कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसका भी ब्यौरा दाखिल किया जाए।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने 15 नवंबर को सेशंस कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। पुलिस ने अदालत में इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। यह चार्जशीट 5,160 पन्नों की है। जिन 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, उनमें से पांच को छह जून को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। पुणे पुलिस ने सेशंस कोर्ट में सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर ढवले और रोना विल्सन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इन्हें छह जून को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले चार्जशीट तय समय सीमा में दायर नहीं किए जाने के खिलाफ सुरेंद्र गडलिंग ने हाईकोर्ट में भी अपील की थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था।