एसजी तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी बताया गया था कि राजीव कुमार तुरंत सरंडर करे ताकि सबूत नष्ट न हो सके.
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अब मंगलवार को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत में सोमवार को जांच एजेंसी की तरफ से एडिश्नल सॉलिसीटर जनरल (ASG) तुषार मेहता ने कहा कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को चार बार समन भेजा गया था। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में दो अर्ज़ी दाखिल की हैं, एक कोर्ट की अवमानना के मामले में और दूसरी कोर्ट की तरफ से निर्देश के लिए।
पहले आप सुबूत तो दीजिएः सुप्रीम कोर्ट
एएसजी तुषार मेहता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को भी बताया गया था कि राजीव कुमार तुरंत अत्मसमर्पण करें ताकि सुबूत नष्ट न हो सकें। हमने कानून का पालन किया है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल (मंगलवार) विस्तार में सुनेगें। इस पर ऐतराज जताते हुए एएसजी मेहता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार सुबूत नष्ट करेंगी। उसे इसके लिए 24 घंटे का समय और मिल जाएगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार ऐसा करती है तो उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने सीबीआई से कहा कि पहले आप सुबूत तो दीजिए की कोलकाता पुलिस के अधिकारी कौन से दस्तावेज नष्ट कर रहे हैं।
उधर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई के कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने की कोशिश के खिलाफ धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह देश और संविधान बचाने के लिए ‘‘सत्याग्रह’’ जारी रखेंगी। ममता ने रविवार को कहा था, ‘मैं यकीन दिला सकती हूं…मैं मरने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं मोदी सरकार के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हूं। हम आपातकाल लागू नहीं करने देंगे। कृपया भारत को बचाएं, लोकतंत्र बचाएं, संविधान बचाएं।’ भाजपा ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सीबीआई को सुबूत क्यों नहीं दिए? उन्होंने सीबीआई को जांच से क्यों रोका?