नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बहू के पक्ष में गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है। न्यायामूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को पलट दिया।

गौरतलब है कि तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि कानून के अनुसार बेटियां अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकतीं। अब तीन सदस्यीय पीठ ने तरुण बत्रा के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब दिए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि पति की अलग-अलग संपत्तियों में ही नहीं, बल्कि साझा घर में भी बहू का अधिकार है।

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