मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े एक मामले में उऩकी लिव-इन पार्टनर व अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है। रिया ने सुशांत की बहनों मीतू और प्रियंका सिंह के खिलाफ फर्जी प्रिस्क्रिप्शन से जुड़ी एफआईआर दर्ज करवाई थी। अदालत ने सोमवार को मीतू के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी जबकि प्रियंका को राहत नहीं दी। उनके खिलाफ अब जांच चलेगी।

सुशांत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती भी आरोपी हैं। सुशांत को ड्रग्स देने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। अभी वह जमानत पर हैं। रिया ने अपनी गिरफ्तारी से पहले दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. तरुण कुमार और सुशांत की दो बहनों मीतू और प्रियंका के खिलाफ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया था। इन तीनों पर फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन बनाकर सुशांत के लिए दवा देने का आरोप लगाया गया था। इस मुकदमे को सुशांत की बहनों ने ​नवंबर, 2020 में बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।


रिया ने अपनी शिकायत में कहा था कि डॉ. तरुण कुमार ने सुशांत की जांच किए बिना सिर्फ प्रियंका के कहने पर डिप्रेशन की दवाएं लिख दी थीं जो कानून के खिलाफ है। रिया ने यह भी कहा कि प्रिस्क्रिप्शन दिल्ली की ओपीडी का है जबकि सुशांत उस दिन मुंबई में मौजूद थे। रिया ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा था कि 8 जून, 2020 की सुबह जब वह सुशांत के घर में थीं, तब सुशांत लगातार किसी से फोन पर चैट कर रहे थे। जब उन्होंने इस बारे में सुशांत से पूछा तो उन्होंने अपनी बहन से फोन पर हो रही चैट दिखाई। उनकी बहन प्रियंका दिल्ली में बैठे-बैठे अपनी तरफ से सुशांत को साइकोट्रोपिक ड्रग लेने की सलाह दे रही थीं, वह भी किसी ऐसे डॉक्टर के हवाले से जिसने सुशांत को मरीज के तौर पर कभी देखा ही नहीं था। वहीं, प्रियंका ने ‌वकील माधव थोराट के जरिए दाखिल की गई अर्जी में दावा किया कि सुशांत के लिए दवाएं डॉक्टर ने ही लिखी थीं। उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है।

14 जून 2020 को मिला था सुशांत का शव

सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून, 2020 को मुंबई के बांद्रा में उनके घर पर मिला था। जांच में मुंबई पुलिस ने बताया था कि वह डिप्रेशन के शिकार थे और उन्‍होंने आत्महत्या की है। हालांकि, इस पूरे मामले में कई महीनों तक विवाद जारी रहा। मौत के 15 दिन बाद सुशांत के पिता कृष्ण कुमार सिंह ने सुशांत की रिया चक्रवर्ती पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने रिया पर रुपयों की हेराफेरी का भी आरोप लगाया था। बिहार सरकार की अर्जी पर बाद में मामले की सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई  को सौंपी गई थी।

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