प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने “तांडव” वेब सीरीज को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाने वाली कंपनी अमेजन सेलर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की भारत की प्रमुख अपर्णा पुरोहित को बड़ा झटका देते हुए अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की, “व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों को आच्छादित नहीं कर सकती।”
हाईकोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत के लिए विवेचना में सहयोग करना पहली शर्त है। याची लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में अदालत से राहत मिलने के बाद विवेचना में सहयोग नहीं कर रही है। उसके आचरण से साफ है कि वह कानून का सम्मान करना नहीं जानती। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों का सम्मान नहीं करते वे अपने मूल अधिकारों की सुरक्षा की मांग नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने “तांडव” नाम को ही भावना को ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अपने विस्तृत फैसले में सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म निर्माताओं और प्रकाशकों को लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। अदालत ने पश्चिमी देशों के फिल्म निर्माताओं का हवाला देते हुए कहा कि वे जीसस और मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाते लेकिन हिंदी फिल्में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बनायी जाती हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की पढ़ी, 15 साल फिल्म जगत से जुड़ी और पत्रकारिता का कोर्स कर चुकी याची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों के आपत्तिजनक नारों को भी शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है और जिसमें भारत की रहने लायक देश न होने की छवि पेश करने की कोशिश की गई है।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस सीरीज को लेकर देश में 10 एफआइआर व चार आपराधिक केस दर्ज हुए हैं। कोर्ट ने कहा कि अमेजन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन की गई सीरीज के निर्देशक सह अभियुक्त अली अब्बास हैं। याची के खिलाफ गौतमबुद्धनगर, ग्रेटर नोएडा के राबूपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है जिसके तहत अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी।
गौरतलब है कि कि अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज सैफ अली खान अभिनीत वेब सीरीज “तांडव” देवताओं की छवि खराब किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। अमेजॉन प्राइम की भारत की प्रमुख अपर्णा पुरोहित समेत वेब सीरीज से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर समेत कई जिलों में एफआइआर दर्ज कराई गई है। इनके ऊपर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इस वेब सीरीज के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए थे।