नई दिल्ली। (Announcement of faceless tax assessment scheme) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टैक्स सुधारों को लेकर कुछ नई घोषणाएं करते हुए देश में पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर जारी किया। प्रधानमंत्री ने Honest taxpayers (ईमानदार करदाताओं) के लिए एक नए मंच “Transparent Taxation- Honoring the Honest” (पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान) का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने नया चार्टर जारी करते फेसलेस टैक्स असेसमेंट स्कीम(Faceless Assessment Scheme) की घोषणा की। यह नई योजना 25 सितंबर 2020 से लागू हो जाएगी। इस नई योजना के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्सेशन के पूरे प्रोसेस में बड़ी राहत दी गई है। इसके तहत नो-ह्यूमन कॉन्टैक्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस प्रकार का चार्टर अपनाने वाले दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों में आ गया है।
इन घोषणाओं को देश में कर प्रणाली में एक और बड़े सुधार की नींव के तौर पर देखा जा रहा है।
नई स्कीम की खासियत
-सरकार का लक्ष्य टैक्सेशन प्रोसेस में विश्वास और पारदर्शिता लाना है। इसके लिए ट्रासंपैरेंट टैक्सेशन यानी पारदर्शी कराधान मंच बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सरपेयर्स चार्टर जैसे बड़े टैक्स सुधार हैं।
-टैक्सपेयर्स और टैक्स ऑफिसर्स को नो-ह्यूमन कॉन्टैक्ट यानी बिना किसी दूसरे व्यक्ति से संपर्क किए बिना असेसमेंट की प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा दी जा रही है। इससे यह सुनिश्चित हो पाएगा कि इनकम टैक्स ऑफिस और टैक्सपेयर्स के बीच में किसी तरह का कोई डायरेक्ट लिंक न रहे जिसके चलते किसी तरह के दबाव की स्थिति से बचा जा सके।
-कोई भी असेसमेंट और टैक्सपेयर का चुनाव एक कंप्यूटर के जरिए किया जाएगा और वक्त-वक्त पर यह बदल जाएगा। असेसमेंट के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके चलते टैक्सपेयर्स को अपनी शिकायतें लेकर इनकम टैक्स के ऑफिस नहीं जाना होगा। वे इस मंच से नो-कॉन्टैक्ट ह्यूमन तरीके से अपना असेसमेंट पूरा करा सकेंगे। यानी इसमें किसी तरह के फिजिकल इंटरफेस यानी आमने-सामने से मुलाकात की जरूरत नहीं होगी।
-टैक्सपेयर्स को असेसमेंट के अधिकार क्षेत्र के नियमों से भी मुक्ति दे दी गई है। यानी कि अब टैक्सपेयर्स किसी भी शहर का हो, उसका असेसमेंट कंप्यूटर के चुनाव के साथ कहीं भी कराया जा सकता है। कोई भी केस किस टैक्स ऑफीसर को मिलेगा, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी।
-टीम आधारित असेसमेंट और रिव्यू होगा। असेसमेंट का ड्राफ्ट किसी दूसरे शहर में, रिव्यू किसी दूसरे शहर में और फाइनलाइज़ेशन यानी निस्तारण किसी दूसरे शहर में होगा।
-फेसलेस टैक्स असेसमेंट स्कीम की सुविधा कुछ मामलों में नहीं मिलेगी। गंभीर धोखाधड़ी, टैक्स चोरी, संवेदनशील और जांच वाले मामलों में, इंटरनेशनल टैक्स, काला धन कानून और बेनामी संपत्ति के मामलों में यह सुविधा नहीं मिलेगी।