लखनऊ। अलीगढ़ में शिक्षा ग्रहण कर रहे 70 कश्मीरी छात्र-छात्राओं से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां मुलाकात की। पूर्वाह्न करीब 11 बजे मुख्यमंत्री का अलीगढ़ से आए विद्यार्थियों के साथ संवाद शुरू हुआ। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि आज हो रहे संवाद में जो बात निकलेगी, उसको लेकर हम जम्मू-कश्मीर के शासन से बात कर समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। संवाद होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कश्मीर के छात्र-छात्राओं को उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और सुविधाएं देने का वादा भी किया।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया, “मेरे साथ आप जो भी बात करेंगे, वह गोपनीय रहेगी। संवाद के द्वारा हम अच्छा माहौल बना सकते हैं। आज आप पढ़ाई कर रहे हैं, कल आप प्रशासनिक नौकरी के लिए भी आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश को आप जानें। लोकतांत्रिक माहौल में संवाद सबसे अधिक जरूरी है। लोकतंत्र का मतलब सबका विकास है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बेहतर पहल के लिए आज यह प्रयास किया जा रहा है। राज्य स्तर की जो समस्या होगी उसे हम सुलझाने का प्रयास करेंगे। साथ ही अन्य स्तर पर भी प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर जम्मू-कश्मीर के बच्चे हैं, उनके साथ समय-समय पर मैं संवाद करूंगा। आप सभी लोग अपनी बात रखने में कोई संकोच न करें।”
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने को लेकर लंबी ऊहापोह के बाद आखिरकार अलीगढ़ के दो कॉलेजों के ये कश्मीरी छात्र-छात्राएं शुक्रवार को लखनऊ रवाना हुए थे। उनसे मुलाकात को लेकर बार-बार बयान बदलने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कश्मीरी विद्यार्थियों ने खासी मान-मनौव्वल और बयानबाजी करने के बाद भी ऐन मौके पर लखनऊ जाने से मना कर दिया था। आखिरकार अलीगढ़ के एसीएन कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्टडीज और इगलास के शिवदान सिंह कॉलेज के विद्यार्थी मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सहमत हुए। शुक्रवार को दोपहर बाद एसीएम द्वितीय, सीओ तृतीय एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेतृत्व में विद्यार्थीयों के दल को एसी बसों से लखनऊ रवाना किया गया।
दरअसल, जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र-छात्राओं के तेवर तल्ख हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की बकरीद की दावत ठुकराकर एवं केंद्र सरकार के प्रतिनिधि से मिलने से इन्कार कर वे अपने तेवर दिखा चुके हैं। तीन बार आंदोलन भी कर चुके हैं। अपने घर वालों से संपर्क कटने के बाद से छटपटा रहे इन कश्मीरी छात्र-छात्राओं की समस्याओं को जानने के लिए तीन दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्र लिखकर एएमयू के 40 छात्र-छात्राओँ को मिलने के लिए शनिवार, 28 सितंबर को पूर्वाह्न 11.30 बजे अपने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर बुलाया था। यह संदेश जब एएमयू के कश्मीरी छात्र-छात्राओं तक पहुंचा तो उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने से स्पष्ट इन्कार कर दिया।
उनका कहना था कि उनकी समस्या केंद्र सरकार से जुड़ी है। ऐसे में यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा गृह मंत्री अमित शाह बुलाएंगे तो वे अपनी बात कहने जाएंगे। मुख्यमंत्री से मिलने का कोई औचित्य नहीं है। छात्र-छात्राओं के इस रुख को बदलने के लिए प्रशासन ने पिछले 72 घंटे में जीतोड़ कोशिश की। यहां तक कि जिलाधिकारी ने भी उन्हें बुलाकर वार्ता की। डीएम के समक्ष तो छात्र-छात्राओं ने जाने के लिए हां कर दी लेकिन बाद में मुकर गए। मुख्यमंत्री से मुलाकात से एक दिन पूर्व शुक्रवार को भी एएमयू के कश्मीरी छात्र-छात्राओं को बुलाया गया लेकिन कोई नहीं आया। इससे परेशान प्रशासन ने अन्य कॉलेज एसीएन कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्टडीज और शिवदान सिंह कॉलेज, इगलास में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रःछात्राओं को बुलाया।