नई दिल्ली। शनिवार को नीतीश के मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम मंत्री के रूप में खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने शपथ ली और बिहार विधानसभा में 28 जुलाई को ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया। जिसके कारण विधायक फिरोज अब नई मुसीबत में घिरते दिख रहे है,क्योंकि उनके खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी कर दिया है।फतवे की मानें तो इससे फिरोज का निकाह भी खत्म हो गया है और उन्हें दोबारा निकाह करने के लिए फिर मुफ्ती से माफी मांगनी होगी।

इस पर फिरोज ने जय श्रीराम का नारा लगाने को सही ठहराते हुए अपने बचाव में कई तर्क दिए हैं।फिरोज ने तर्क दिया कि अगर जय श्रीराम के नारे लगाने से बिहार की दस करोड़ जनता का फायदा होता है, तो मैं सुबह-शाम जयश्री राम कहूंगा. उन्होंने कहा कि हमारे इस्लाम में नफरत करने की कोई जगह नहीं है, इस्लाम की बुनियाद मोहब्बत और प्रेम है।मैं रहीम के साथ-साथ राम को भी पूजता हूं, खुदा हमारी आत्मा में बसते हैं।

फिरोज जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार में एकलौते मुस्लिम मंत्री है। नीतीश की नई कैबिनेट में फिरोज को अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया है।फतवे में कहा गया है कि खुर्शीद का निकाह भी अब खत्म हो गया है। ऐसे में उन्हें मुफ्ती से माफी मांगनी होगी और दोबारा निकाह करना होगा।

रविवार को नीतीश कुमार के आवास पर जद-यू अल्पसंख्यक बोर्ड की बैठक हुई। इस दौरान अल्पसंख्यक नेता खुर्दीश पर भड़क गए और उनसे माफी की मांग की। अल्पसंख्यक नेताओं की नाराजगी को देखते हुए खुर्शीद ने नीतीश कुमार के सामने माफी मांगी।

नीतीश सरकार में मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने कहा, ‘भगवान ही जानता है कि मैंने किस इरादे से ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे।मेरा काम ही बताएगा कि मैं कौन हूं। मैं इमारत-ए-शरिया की काफी इज्जत करता हूं, लेकिन उन्हें फतवा जारी करने से पहले मेरे इरादों को समझना चाहिए था, आखिर मैं क्यों डरूं?’ फतवा जारी करने वाले मुफ्ती सुहैल ने कहा कि “खुर्शीद ने जय श्रीराम कहा और उन्होंने ये भी कहा कि वो राम और रहीम दोनों को मानते हैं।इस्लाम इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.”

जेडीयू नेता खुर्शीद उर्फ फिरोज ने कहा कि अगर उन्हें बिहार के लोगों के लिए, बिहार के विकास और सौहार्द के लिए ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने पड़ते हैं तो वह कभी इससे पीछे नहीं हटेंगे। फिरोज ने अपने हाथ में बंधा रक्षासूत्र दिखाते हुए कहा था, ‘धर्म आत्मा में होता है, मैंने लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर माथा टेका है और मैं सभी धर्मों को मानता हूं। मैं राम की पूजा करता हूं और रहीम को भी मानता हूं।’
फिरोज ने यह भी कहा था कि धर्म आस्था का प्रतीक है और किसी भी धर्म में जनहित, राज्यहित और देशहित की बात कही गई है।जेडीयू नेता फिरोज अहमद के मुंह से ‘जय श्रीराम’ सुनकर बीजेपी समर्थक काफी खुश नजर आए थे।

 

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