नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में शनिवार को हुई पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। किसान नेता तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग अड़े हैं। किसानों ने कहा है कि वे इनमें संशोधन नहीं बल्कि पूरी तरह वापसी चाहते हैं। किसान नेताओं के साथ अब अगले दौर की बैठक नौ दिसंबर को होगी।
सरकार के साथ बातचीत के बाद किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार ने हमसे तीन दिन का समय मांगा है। सरकार हमें प्रस्ताव भेजेगी। इस प्रस्ताव पर सभी नेता विचार करेंगे। इसके बाद बैठक होगी। किसान नेताओं ने कहा कि हमारी ओर से आठ दिसंबर को बुलाया गया भारत बंद ज़रूर होगा। सरकार को इन कानूनों को रद करना होगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का कहना है कि वह राज्यों से भी सलाह लेगी। न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) पर भी चर्चा हुई। हमने कहा कि कानून में भी एमएसपी की बात शामिल होनी चाहिए। हमारा भारत बंद पूर्ववत 8 दिसंबर को आयोजित होगा।
आज शनिवार को हुई बैठक में किसानों की ओर से 40 प्रतिनिधि तथा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा पंजाब से सांसद और वित्त राज्यमंत्री सोम प्रकाश व कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में जारी चर्चा के दौरान किसान कानून को रद करने की मांग पर अड़ गए। सरकार की ओर से कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया जिसे किसानों की ओर से ठुकरा दिया गया। किसान की ओर से बैठक में शामिल प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में काफी चर्चा हो गई है हमें लिखित जवाब चाहिए।
बैठक के लिए विज्ञान भवन आने वाले किसानों का प्रतिनिधिमंडल अपने साथ खाना लेकर आया।4
जमूरी किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी कुलवंत सिंह संधू ने कहा, ‘कनाडा के संसद में यह मामला उठा और वहां के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को पत्र लिखा। यदि वहां के संसद में इसपर चर्चा हो सकती है तो यहां के संसद में क्यों नहीं।’