नयी दिल्लीः (The knock of the “third wave” of Corona!) देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने शनिवार को एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी से निपटने के उपायों के बारे में पत्र लिखा है। इस पत्र में उनसे स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तत्काल जांच करने को कहा गया है। केंद्र ने अस्पतालों में और बिस्तर जोड़ने, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने के अलावा, राज्यों को सावधानी बरतने के लिए और अपनी ऑक्सीजन उपलब्धता की जांच करने के लिए भी कहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में लिखा है, “दुनिया वर्तमान में कोविड-19 मामलों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज कर रही है। तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामले तीसरी लहर की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वैरिएंट ऑफ कंसर्न ओमिक्रोन के प्रसार के चलते दुनिया वर्तमान में कोविड-19 मामलों में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि की दर्ज कर रही है। भारत में भी कोरोना मामले 31 दिसंबर को रिपोर्ट किए गए 16,764 मामलों के बाद ऊपर की ही ओर जाते दिख रहे हैं। यूरोप और अमेरिका में कई विकसित देश पिछले कुछ हफ्तों में नए मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, जो वायरस की तेज फैलने की क्षमता की ओर इशारा करता है।”
इससे पहले डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की तीसरी लहर शुरुआती चरण में है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने आशंका जताई है कि जनवरी के तीसरी सप्ताह तक राज्य में कोरोना वायरस के 80 लाख मामले आ सकते हैं और 80 हजार लोगों की मौत हो सकती है।
स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर पड़ सकता है दबाव
केंद्र सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर जल्द ही दबाव पड़ सकता है क्योंकि संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए केंद्र ने राज्यों से अस्थायी अस्पताल बनाने को कहा है। राज्य हल्के से मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए होटल आवास का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। कुछ राज्यों में पहले के की लहर के दौरान इसी तरह के कदम उठाए थे।
बाल चिकित्सा मामलों पर भी रखें ध्यान
होम आइसोलेशन के तहत मरीजों की निगरानी के लिए राज्यों को विशेष टीमें, कॉल सेंटर, कंट्रोल रूम बनाने चाहिए। पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर भी स्पष्ट ध्यान दिया जाना चाहिए। केंद्र ने कहा है, “राज्यों को राज्य में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक लॉजिस्टिक, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं के बफर स्टॉक की उपलब्धता की नियमित रूप से समीक्षा करने की आवश्यकता है।”
गौरतलब है कि केंद्र ने हाल ही में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अचानक कोरोना के मामलों की उछाल के मद्देनजर एक के बाद एक कई पत्र लिखे हैं। 31 दिसंबर को केंद्र ने सभी राज्यों से सभी तरह के बुखार, शरीर में दर्द के मामलों की जांच करने को कहा। केंद्र ने कहा कि जब तक इन मामलों की पुष्टि न हो जाए तब तक उन्हें संभावित कोविड मरीज मानकर इलाज किया जाए। 2022 के पहले ही दिन, भारत ने 22,775 नए कोविड-19 मामले और 406 मौतें दर्ज कीं। शनिवार की सुबह तक ओमिक्रॉन संक्रमणों की संख्या 1,431 है।
बहुत तेजी से फैल रहा है ओमिक्रोन माना जाता है कि SARS-CoV-2 का नवीनतम संस्करण ओमिक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है, हालांकि इस वायरस प्रकार की गंभीरता चिंताजनक नहीं है क्योंकि अधिकतर ओमिक्रोन रोगी एसिम्टोमैटिक हैं और अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो रहे हैं। लेकिन, अगर मरीजों को ठीक से आइसोलेट नहीं किया जाता है तो परिवार के अन्य सदस्यों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।