नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच करवाने की मांग की है। पंजाब सरकार ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बना दी है। इस समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल तथा गृह एवं न्याय मामले के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा को रखा गया है। यह कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकारी के मुताबिक इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने याचिका में कहा है कि बठिंडा के जिला एवं सेशन जज को निर्देश दिए जाएं कि वे इस मामले में पुलिस की ओर से बरती गई कोताही से जुड़े सभी सबूत इकट्ठा करें। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की बेंच कल शुक्रवार को सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की सुरक्षा में चूक स्वीकार्य नहीं की जा सकती। याचिका में पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने तथा उत्तरदायी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसी घटना को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में जवाबदेही तय की जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी अभी तक प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के किसी भी मामले को नकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नमोदी ने अचानक हवाई के बजाय सड़क मार्ग से जाने का कार्यक्रम बना लिया जिसकी वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई। उनका कहना था कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में 70 हजार कुर्सियां लगा दी गईं लेकिन लोग 700 आए जिसकी वजह से प्रधानमंत्री की रैली रद्द करनी पड़ी।
विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर फिरोजपुर में 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली रखी गई थी। इस रैली से पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रचार का आगाज होना था। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को करोड़ों कीन परियोजनाओं की नींव भी रखनी थी लेकिन किसानों ने प्रधानमंत्री का विरोध करते हुए रास्ते जाम कर दिए। भाजपा कार्यकर्ताओं को भी रैली स्थल तक पहुंचने नहीं दिया गया। किसानों ने उनके साथ बहस और झड़प की, जिस वजह से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस लाठीचार्ज में कई भाजपाई घायल हुए थे।
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री रैली करने के लिए आ रहे थे कि आखिरी पलों में उनकी रैली रद्द करनी पड़ी। साथ ही उन्हें रास्ते से वापस लौटना पड़ा क्योंकि बठिंडा में रास्ता बंद था। रास्ता बंद होने के कारण उनका काफिला करीब 20 मिनट हाईवे पर फंसा रहा। ऐसा होने से भाजपा खेमे में नाराजगी है। इसी मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है क्योंकि मुख्यमंत्री चन्नी ने भी ऐन मौके पर रैली में कोरोना केस बढ़ने को वजह बताकर आने से इनकार कर दिया था। साथ ही जब प्रधानमंत्री का काफिला फंसा, तब भी उनका सहयोग नहीं मिला।
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