गिलहरी हनुमान मंदिर, अलीगढ़, Famous Temples of India, उत्तर प्रदेश,Ghilhari Hanuman Temple, Aligarh, Uttar Pradesh,

बजरंग बली का ये दरबार विश्व का इकलौता मंदिर है जहां बजरंग बली गिलहराज के स्वरूप में पूजे जाते हैं।दरअसल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां संकटमोचन भगवान हनुमान की गिलहरी के रूप में पूजा की जाती है।यह मंदिर अलीगढ़ बस स्टैंड से एक किलोमीटर दूर अचल ताल में स्थित है। इस मंदिर की पहचान धार्मिक स्थलों के रूप में ही की जाती है। अचल ताल सरोवर के किनारे स्थित हनुमान जी का श्री गिलहराज मंदिर दुनियाभर में जाना जाता है।

यहां आसपास करीब 50 से ज्यादा मंदिर हैं लेकिन गिलहराज जी मंदिर की मान्यताएं सबसे अलग और अधिक हैं। ऐसी मान्यता है कि एक सिद्ध संत थे, उन्हें सपने में हनुमान जी मिले थे और कहा कि मैं अचल ताल पर हूं वहां मेरी पूजा करो। जब उन्होंने वहां जाकर खोज की तो मिट्टी के ढेर पर बहुत सारी गिलहरियां मिलीं। उन्हें हटाकर जब खोदा गया तो वहां से मूर्ति निकली।यह मूर्ति गिलहरी रूप में हनुमान जी की थी। तब से इस मूर्ति को मंदिर में स्थापित कर पूजा की जाने लगी।


इस मंदिर को बहुत प्राचीन बताया जाता है। महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण के भाई दाऊजी महाराज ने अचल ताल पहली बार हनुमान की गिलहरी के रूप में पूजा की थी। यह पूरे विश्व में अचल ताल के मंदिर में खोजा जाने वाला अकेला प्रतीक है जहां भगवान हनुमान जी की आंख दिखाई देती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में लगातार 41 दिन पूजा करने से दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। यहां दर्शन करने मात्र से शनि ग्रह और अन्य ग्रहों के प्रकोप से मुक्ति मिलती है।मान्यता के अनुसार हनुमानजी के अन्य मंदिरों में एक से अधिक चोला एक दिन में नहीं चढ़ाते किंतु यहां दिनभर में बजरंगबली को 50-60 कपड़ों के चोले रोज चढ़ाए जाते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान राम जी के जरिए राम सेतु पुल का निर्माण कराया जा रहा था, तो इस दौरान प्रभु राम ने भगवान हनुमान से कुछ समय के लिए आराम करने के लिए कहा। इसके बाद हनुमान जी ने आराम नहीं किया। उन्होंने गिलहरी का रूप धारण कर समुद्र पर पुल बनवाने में राम सेना की सहायता करने लगे। ऐसा देख भगवान श्री राम ने गिलहरी रूप हनुमान जी के ऊपर अपना हाथ फेरा। भगवान के हाथ की वही लकीर आज भी गिलहरी के पीठ पर देखी जाती हैं। वही अलीगढ़ के पास अचल ताल में स्थित हनुमान जी गिलहरी के रूप में गिलहराज जी मंदिर में विराजमान हैं।

मान्यता है कि इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने से साधक की मनोकामना पूरी होती है। साथ ही ग्रहों के प्रकोप से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा मंदिर में 41 दिन पूजा करने से इंसान को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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