बीजिंग। चीन पर अक्सर विस्तारवादी नीति अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। धरती, जल (समंदर) और आकाश में अपना आधिपत्य स्थापित करने की उसकी महत्वाकांक्षा भी कोई ढकी-छुपी बात नहीं है। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह अपने हथियारों के जखीरे में नए-नए हथियार शामिल करता रहता है। इसी कड़ी में उसने हाल ही में बैलिस्टिक मिसाइल जेएल-3 का सफल परीक्षण किया है। चीनी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मिसाइल की मारक क्षमता 14,000 किलोमीटार है।

चीन के एक सरकारी समाचारपत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जेएल-3 सबमरीन-लांच बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) का परीक्षण बीती 2 जून को किया गया। यह अत्यंत शक्तिशाली मिसाइल अपने साथ 10 गाइडेड परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

हालांकि चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा कि यह परीक्षण किसी देश या किसी खास सत्ता को निशाना बनाकर नहीं किया गया। यह चीन की रक्षा नीति है जिसके तहत रक्षात्मक होने के साथ ही देश की राष्ट्रीय सुरक्षा की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने वाले हथियारों विकास किया जा रहा है। रेन गुओकियांग ने साथ ही यह भी जोड़ा कि चीन के लिए वैज्ञानिक शोध और परीक्षण करना सामान्य बात है।

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि जेएल-3 चीन की नई एसएलबीएम है। यह बैलिस्टिक मिसाइल चीन की मौजूदा एसएलबीएम की तुलना में ज्यादा दूर तक सटीक मार करने में सक्षम है।

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