नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने के बीच ही एक खबर डराने लगी है। दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वैरिएंट डेल्टा एक बार फिर रूप बदलकर हमला कर रहा है। इसे डेल्टा प्लस नाम दिया गया है। देश में इस स्ट्रेन के अब तक 40 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर बताया है कि उन्हें डेल्टा प्लस वैरिएंट को कैसे डील करना है।

केंद्र सरकार के मुताबिक, इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। मध्य प्रदेश और केरल में भी इस स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। इन राज्यों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

गौरतलब है कि डेल्टा प्लस, डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस की गिरफ्त में आए ज़्यादातर लोग इसी वैरिएंट के शिकार हुए थे। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डेल्टा वैरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है।

डेल्टा प्लस के बारे में 4 अहम पॉइंट्स

  1. डेल्टा वैरिएंट के सभी स्ट्रेन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना जाएगा। डेल्टा प्लस के बारे में सबसे पहले पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड में 11 जून को एक रिपोर्ट दी थी।
  2. भारत में 45 हजार से ज्यादा सैंपल की सीक्वेंसिंग हुई जिनमें से डेल्टा प्लस के 40 मामले पाए गए। हालांकि, इनमें बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं देखी जा रही है।
  3. डेल्टा प्लस का भारत में पहला मामला 5 अप्रैल को महाराष्ट्र में लिये गए एक सैंपल में पाया गया।
  4. दुनियाभर में डेल्टा प्लस के 205 मामले पाए गए हैं जिनमें से आधे से ज्यादा केस अमेरिका और ब्रिटेन में हैं।

गाइडलाइन के हिसाब से ही इस वैरिएंट से निपटने की सलाह

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, राज्यों को चिट्ठी लिखकर बताया गया है कि उन्हें कैसे डेल्टा प्लस वैरिएंट को डील करना है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को गाइडलाइन के हिसाब से ही इस वैरिएंट से निपटने की सलाह दी गई है। जिन जिलों में इनके मामले सामने आए हैं, वहां कंटेनमेंट का सख्ती से पालन कराया जाए।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह स्ट्रेन इन 3 राज्यों के अलावा भी कई राज्यों में मिल चुका है। इसके मुताबिक, इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा 21 केस महाराष्ट्र और 6 केस मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु में 3-3, कर्नाटक में 2 और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में 1-1 मामले में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में डेल्टा प्लस

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 80 देशों में है। भारत में दूसरी लहर को बढ़ाने में इसी वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 9 देशों ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में मिला है।

तीसरी लहर आने के सवाल पर डॉ. पॉल ने कहा कि यह कोई नहीं जानता कि वायरस कब अपना रूप बदल ले। इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां न तो दूसरी लहर आई और न चौथी। यानी हम सावधान रहें तो हो सकता है कि यह नियंक्षण में रहे। हालांकि राहत की बात ये है कि 7 मई के मुकाबले देश में कोरोना के मामलों में 90 प्रतिशत की कमी आई है।

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